‘सरकार की घोषणा और व्यवहार में कोसों का फासला है’: अखिलेश यादव
लखनऊ—समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अहंकार में ही डूबी भाजपा की दम्भी सरकार (government) मानती है कि वह सफेद स्याह जो कुछ भी बोलती रहेगी उस पर जनता का भरोसा सदैव कायम रहेगा।
यह भी पढ़ें–पाकिस्तान के इस दिग्गज खिलाड़ी ने ICC पर लगाया बड़ा आरोप
दूसरे राज्यों में नियुक्त उत्तर प्रदेश सरकार (government) के नोडल अधिकारी क्या करते हैं? क्या नहीं करते हैं इसका प्रमाण दिल्ली, पंजाब, हरिणाणा, गुजरात (अहमदाबाद, सूरत), महाराष्ट्र (मुम्बई) एवं उत्तराखण्ड आदि राज्यों में लाखों की संख्या में पलायन की स्थिति से स्पष्ट है कि वहां लोगों का जीवन नर्क बन गया हैं। सरकार की घोषणा और व्यवहार में कोसों का फासला है। अमानवीयता की हद है कि उक्त राज्यों में भूख–प्यास से लोग मरणासन्न है।
दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पत्राचार नाकाफी है। कहीं कोई राहत सामग्री की उपलब्धता नहीं है। शुतुरमुर्गी आंख बंद करने से वास्तविक स्थिति और हालात की सच्चाई से मुंह नहीं फेरा जा सकता है। जैसे–जैसे करके जो लाखों की संख्या में श्रमिक, दूसरे राज्यों से पलायन कर उत्तर प्रदेश में अपने–अपने जनपदों, गांवों में पहुंच तो गये हैं, लेकिन उनके रहने–खाने और इलाज की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है। उनका भविष्य अंधकारमय नज़र आता है, इस सम्बंध में भाजपा का प्रबुद्ध वर्ग ही कोई सार्थक विकल्प बता पायेगा?
अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका नकारी नहीं जा सकती। सत्तारूढ़ दल चाहे विपक्ष पर जितनी भी अपमान जनक टिप्पणी करता रहे, लेकिन समाजवादी पार्टी अपनी जिम्मेदारी एवं जनहित के सुझाव देने के लोकतांत्रिक अधिकार को निर्वहन करती रहेगी।
समाजवादी पार्टी अपनी इस मांग को फिर दोहराती है कि जब तक बेरोजगारों को कोई धंधा नहीं मिल जाता है तब तक राज्य सरकार को बेरोजगारी भत्ता देने की व्यवस्था करना चाहिए। भाजपा सरकार (government) के रवैये से जनता का आत्मविश्वास डिगा हुआ है। घबराहट में लोगों का धैर्य जवाब न दे जाए, इसलिए सरकार को उनके जीवनयापन की वैकल्पिक व्यवस्था करनी ही होगी।
एडवायजरी का पालन जनता तो कर ही रही है सरकार (government) के लिए भी यह एडवायजरी है कि लाॅकडाउन के कारण जनता को जिन समस्याओं से दो–चार होना पड़ रहा है उनके लिए तत्काल समुचित राहत की व्यवस्था करनी चाहिए।