Govardhan Puja: टूटी परंपरा, 150 साल बाद दीपोत्सव के दूसरे दिन नहीं हुई गोवर्धन पूजा
दीपोत्सव के बीच खंडग्रास सूर्य ग्रहण होने से गोवर्धन पूजा पर इसका असर पड़ रहा है। इस बार 150 से अधिक सालों बाद परंपरा टूटी हैं और दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा नहीं हो रही है। इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी। जयपुर में सूर्य ग्रहण से पहले ही तड़के 4.15 बजे से सूतक लग गया। इसके चलते सूतक काल में मंदिरों में सेवा-पूजा बंद हो गई। मंदिरों के पट मंगल हो गए। कुछ मंदिरों के पट खुले रखे गए है, हालांकि वहां सिर्फ ठाकुरजी के दर्शन ही हो पा रहे है। ठाकुरजी की आरती और पूजा नहीं हो पाई है।
जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी के दर्शन झांकी खुली हुई है। ठाकुरजी के दरबार में सुबह मंगला आरती हुई। इसके बाद धूप और श्रंगार आरती नहीं हो पाई। मंदिर में भक्त ठाकुरजी के दर्शनों के लिए सुबह से ही आ रहे है। अन्य दिनों की तुलना में भक्त काफी कम संख्या में मंदिर पहुंचे हैं। चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर में तड़के सूतक लगने से पहले ताड़क बाबा की सेवा-पूजा के साथ दर्शन खुले। सूतक के साथ ही सेवा-पूजा बंद कर दी गई। भक्त मंदिर में ताड़क बाबा के दर्शन कर रहे है। शाम को सूर्य ग्रहण के मोक्ष के बाद ही सेवा-पूजा कर सकेंगे।
पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में सूर्य ग्रहण के सूतक के चलते राधा सरस बिहारी जी सरकार के पट मंगल रहे। परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिर में संकीर्तन और नाम जाप किया जा रहा है। सूर्यग्रहण के मोक्ष के बाद शुद्धिकरण करके सेवा-पूजा की जाएगी। वहीं सोढाला स्थित श्रीराम मंदिर के भी पट मंगल रहे। शहर के अन्य मंदिरों में भी आज पट मंगल रहे। कमोबेश ऐसे ही हालात प्रदेश के अन्य मंदिरों में भी रहे। सवेरे सूतक लगने के बाद मंदिरों में किसी तरह की गतिविधि नहीं हुई।
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