गोल्फर ज्योति रंधावा की जमानत खारिज
बहराइच — शिकार के आरोप में जिला कारागार में निरुद्ध अंतरराष्ट्रीय गोल्फर व शूटर ज्योति रंधावा की जमानत अर्जी पर सोमवार को जनपद न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई। एक घंटे तक दोनों पक्षों ने बहस की।
शाम 5ः40 बजे फैसला सार्वजनिक हुआ। इससे पता चला कि जनपद न्यायाधीश ने मामले को गंभीर बताते हुए गोल्फर रंधावा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अब रंधावा और उनके साथी को खुली हवा में सांस लेने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
हरियाणा के गुड़गांव निवासी ज्योति रंधावा अपने साथी महाराष्ट्र निवासी महेश विराजदार के साथ बीते 26 दिसंबर को कतर्नियाघाट सेंक्चुरी के मोतीपुर रेंज में शिकार करते हुए पकड़े गए थे। रंधावा के पास से प्रतिबंधित चीतल की खाल, रायफल, कारतूस व शिकार के अन्य सामान बरामद हुए थे। वन विभाग की ओर से रंधावा व उनके साथी महेश पर रेंज केस दर्ज कर दीवानी न्यायालय में पेश किया गया था।
यहां से दोनों को जेल भेज दिया गया था। रंधावा के बचाव के लिए सुप्रीमकोर्ट से भी वरिष्ठ अधिवक्ता पैरवी के लिए बहराइच आए। बीते सप्ताह सोमवार को अंतरिम जमानत अर्जी पर सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ताओं ने बहस की, लेकिन कानूनी दांवपेंच में अंतरिमत जमानत भी खारिज हो गई थी। सोमवार को जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी थी। उसी के तहत दोपहर में 12 बजे डीजीसी क्रिमनल संतप्रताप सिंह, वन विभाग के अधिवक्ता सुरेशचंद यादव व रंधावा के वकील बृजपाल सिंह के बीच बहस हुई।
एक घंटे बहस चली। इसके बाद जनपद न्यायाधीश उपेंद्र कुमार ने फैसला सुरक्षित कर लिया। शाम 5ः40 बजे फैसला सार्वजनिक हुआ तो पता चला कि जनपद न्यायाधीश ने मामले को गंभीर बताते हुए रंधावा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। डीजीसी क्रिमनल संतप्रताप सिंह ने बताया कि अब रंधावा जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
(रिपोेर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच)