नई दिल्ली — बीएसएनएल की कर्मचारी यूनियनों ने 25 नवंबर को देशव्यापी भूख हड़ताल बुलाई है। कर्मचारी यूनियनों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने के लिए मजबूर कर रहा है।
ऑल इंडिया यूनियंस एंड एसोसिएशंस ऑफ भारत संचार निगम लिमिटेड (एयूएबी) के संयोजक पी. अभिमन्यु ने रविवार को कहा कि प्रबंधन कर्मचारियों को धमका रहा है कि यदि वे वीआरएस नहीं लेते हैं तो उन्हें दूर भेजा जा सकता है और उनकी सेवानिवृत्ति उम्र की आयु घटाकर 58 वर्ष की जा सकती है। एयूएबी का दावा है कि कंपनी के आधे से अधिक कर्मचारी उसके साथ जुड़े हैं।
अभिमन्यु ने यह भी कहा कि हम वीआरएस योजना के खिलाफ नहीं हैं, जो कर्मचारी इसे अपने लिए अच्छा मानते हैं, वे इसे ले लें। लेकिन यह योजना निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए फायदेमंद नहीं है और उन्हें इसे स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा रहा है और यदि इसे जबरदस्ती थोपा गया तो हम सोमवार से भूख हड़ताल करेंगे।
बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पीके पुरवार के अनुसार 77,000 से अधिक कर्मचारियों ने वीआरएस का चुनाव किया है। कंपनी में कुल 1.6 लाख कर्मचारी हैं और यह घाटे में है। कंपनी का अनुमान है कि यदि 70 से 80 हजार कर्मचारी वीआरएस लेकर निकल जाते हैं तो कंपनी का वेतन खर्च सालाना करीब 7,000 करोड़ रुपए कम हो जाएगा।