करोड़ो के घोटाले में आवास विकास परिषद के पूर्व उपायुक्त लखनऊ से गिरफ्तार

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मेरठ — साल 2019 की जोरदार शुरुआत करते हुए मेरठ पुलिस ने शुक्रवार को दूसरी बड़ी कामयाबी हासिल की है । पहले तो एनआईए द्वारा वांछित घोषित नईम को मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर एनआईए को सौंप दिया।

तो वहीं बहुचर्चित इंद्रप्रस्थ हाउसिंग सोसायटी में हुए करोड़ो के घोटाले मामले में पुलिस ने उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के पूर्व उप आयुक्त वीके चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि कोर्ट के आदेश पर मेरठ पुलिस ने वीके चौधरी को लखनऊ स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया है।

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बता ते चलें कि वर्ष 1985 में रजिस्टर्ड हुई इंद्रप्रस्थ हाउसिंग सोसायटी की नींव रखे जाने के कुछ समय बाद ही सोसायटी विवादो में घिर गई थी। दरअसल, इस मामले में विजेन्द्र चैहान द्वारा सोसायटी रजिस्टर्ड कराने वाले सतपाल सिंह देशवाल, राजपाल और राजमोहन सहित सरकारी विभागों में तैनात कई अधिकारियों पर करोड़ो के घोटाले का आरोप लगाते हुए कोर्ट में वाद दायर किया गया था।

वहीं कुछ समय पहले तत्कालीन कमिश्नर डा प्रभात कुमार द्वारा कराई गई जांच में भी करीब तीन सौ करोड़ के घोटाले का खेल उजागर हुआ था। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर मेरठ पुलिस ने यूपी आवास विकास परिषद में उप आयुक्त के पद पर तैनात रहे वीके चौधरी को लखनऊ स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।

दरअसल, वीके चौधरी पर आरोप है कि वर्ष 2004 में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सोसायटी की जमीन अपने सगे संबंधियो के नाम कर दी। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने वीके सिंह की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हेें मेरठ लाया जा रहा है। बताते चलें कि कुछ वर्ष पूर्व हुए एनआरएचएम घोटाले में सीबीआई भी वीके सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है।

(रिपोर्ट-सागर कुशवाहा,मेरठ)

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