1.15 लाख पेड़ बचाने के लिए कतर्नियाघाट में बनेंगे पांच फ्लाईओवर

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बहराइच– भारत नेपाल सीमा पर नोमेंसलैंड के समानांतर सड़क बन रही है, लेकिन कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र का जंगल बार्डर डेवलपमेंट की इस परियोजना में आंड़े आ रहा है। जिस दिशा में सड़क बननी है। उधर 1.15 लाख पेड़ काटने पड़ेंगे। 

भारत-नेपाल सीमा पर आवागमन सुगम करने और सीमा की सुरक्षा के लिए नोमेंस लैंड पर बार्डर डेवलेपमेंट परियोजना के तहत 510 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है। यह निर्माण कार्य विभिन्न स्थानों पर चल रहा है। जिसके तहत टू लेन सड़क मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन जिले में परियोजना के परवान चढ़ने और कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग और बहराइच वन प्रभाग का जंगल आंड़े आ रहा है। वन विभाग और पीडब्ल्यूडी के संयुक्त सर्वे में लगभग 1.15 लाख पेड़ मार्ग में पड़ रहे हैं। उन्हें काटना पड़ेगा। इसके अलावा सड़क बनने पर कतर्नियाघाट संरक्षित वन प्रभाग और नेपाल के रायल बर्दिया नेशनल पार्क को जोड़ने वाला खाता कारीडोर का रास्ता भी पांच स्थानों पर बंद हो रहा है। जिससे बाघ, हाथी, गैंडा आदि वन्यजीवों का आवागमन भारत-नेपाल के जंगलों में सुगम नहीं रह जाएगा। 

इस समस्या को देखते हुए वन और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने मंथन कर खाता कारीडोर के रास्तों पर फ्लाईओवर बनाने की रूपरेखा तैयार की है। दुधवा नेशनल पार्क के फील्ड डायरयेक्टर रमेश पांडेय ने अमर उजाला से बातचीत करते हुए कहा कि फ्लाईओवर बनने से पेड़ भी नहीं कटेंगे और दुर्लभ वन्यजीवों का आवागमन भी बाधित नहीं होगा। फ्लाईओवर के ऊपर से वाहन आते-जाते रहेंगे। नीचे वन्यजीव आसानी से विचरण कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

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इन कारीडोर के रास्तों पर बनेंगे 700 से 900 मीटर के फ्लाईओवरः

परियोजना के तहत महाराजगंज से बिजनौर तक 510 किलोमीटर टू लेन मार्ग का निर्माण होगा। इस मार्ग पर पड़ने वाले कतर्नियाघाट जंगल और नेपाल के जंगलों को आपस में जुड़ा रखने के लिए कतर्नियाघाट, रायल बर्दिया खाता कारीडोर, राष्ट्रीय निकुंज खाता कारीडोर, छेदियन कारीडोर, शंकरपुर कारीडोर और खजुरिया सुमेरनगर कारीडोरपर फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी के सूत्रों के मुताबिक इन फ्लाईओवर को बनाने पर 500 करोड़ से अधिक का खर्च आने की उम्मीद है।

अधिकारियों ने सर्वे रिपोर्ट पर मंथन कर भेजा प्रस्तावः

फील्ड डायरेक्टर रमेश पांडेय ने बताया कि पेड़ों को बचाने और वन्यजीवों को सुरक्षित करते हुए फ्लाईओवर ही एकमात्र रास्ता है। इसके लिए हाल ही में बैठक भी हुई थी। जिसमें उनके साथ मुख्य वन संरक्षक पूर्वी गोंडा रामकुमार राम, फील्ड डायरेक्टर पीलीभीत एच राजा मोहन, चीफ कंजर्वेटर अशोक शुक्ला, श्रावस्ती के डीएफओ जेपी यादव, कतर्नियाघाट के डीएफओ जीपी सिंह, एसडीओ जसवंत व पीडब्ल्यूडी के सुप्रीटेंडेंट तथा एक्जीक्यूटिव इंजीनियर मौजूद रहे।

(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)

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