कम लागत में अच्छी कमाई का जरिया बना मछली पालन

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औरैया– जिले में नीली क्रांति का असर दिख रहा है। किसानों का रुझान तेजी से मछली पालन की ओर बढ़ रहा है। इसमें किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल रहा है। वहीं सरकारी सहयोग से उनका काम और अधिक आसान हो गया है।

एक समय था जब साल पर खेती करने के बाद भी साहूकारों का कर्ज के तले दबे रहते थे। आज पारंपरिक खेती छोड़कर कम लागत में अच्छी-खासी  कमाई कर रहे हैं। वहीं सरकार की किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में सार्थक पहल दिख रही। जिला मत्स्य अधिकारी आरडी प्रजापति नीली क्रांति से मछली पालकों के लिए कई योजनाएं संचालित है। अनुदान मिल रहा है। कई किसान मछली पालन करके आय बढ़ा रहे है। प्रचार प्रसार से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जा रहा है। ब्लाक अछल्दा क्षेत्र के ग्राम कमारा निवासी राजेश कुमार कक्षा 12 पास हैं। राजेश पहले पुरानी पद्धति से खेती कर रहे थे, लेकिन इससे परिवार का भरण-पोषण करने में दिक्कत आ रही थी। इससे वह परेशान रहता था।

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लोगों के कहने पर मत्स्य विभाग के प्रशिक्षण में हिस्सा लिया। जिसमें मछली पालन के उपाय व फायदे गिनाए गए। इस पर उसने विभाग की मदद से  एक हेक्टेयर के पट्टे का आवंटन कराया। बीज के लिए गांव के लोगों से कर्ज लिया और मछली पालन शुरू कर दिया। आज राजेश सालाना 48 से 50 क्विंटल मछली का उत्पादन कर रहे हैं। इससे उन्हें मछली पालन से तीन से चार लाख रुपये की कमाई हो जाती है। वह आसपास के क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा श्रोत बने हुए हैं। राजेश को बेहतर उत्पादन के लिए उन्नतशील किसान के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है। वहीं आसपास के किसान मछली पालन के उपाए उनसे पूछने आ रहे हैं।अजीतमल ब्लाक क्षेत्र के ग्राम चिटकापुर निवासी राजेंद्र कुमार का कहना है कि पहले खेती में लागत निकलना मुश्किल हो गया था। इसके चलते तीन वर्ष पहले उन्हें मछली पालन का काम शुरू किया। इसके लिए उन्होंने गांव के तालाब का पट्टे का आवंटन कराकर काम शुरू किया।

शुरुआत में कठनाई जरूर हुई लेकिन विभागीय मदद के चलते उन्हें अब इस काम करने में रुचि पैदा हो गई। दो एकड़ के तालाब में 50 से 55 क्विंटल तक मछली उत्पादन कर रहे हैं। वह मछली को मुरादाबाद व लखनऊ बेचने जाते हैं। विभाग की ओर से समय-समय पर उन्नत मछली बीज, तालाब की साफ-सफाई की दवा व विभिन्न रोगों से बचाव के सुझाव समय-समय पर प्राप्त हो रहे हैं। राजेंद्र को भी कृषि विभाग बेहतर उत्पादन के लिए सम्मानित कर चुका है। उन्हें लखनऊ भी उन्नतशील किसानों के सम्मेलन में बुलाकर भी सम्मानित किया जा चुका है।

जिले भर में 918 तालब हैं। जिनमें 491 तालाबों का आवंटन हुआ है। जिले भर में एक हजार से अधिक मछुआरे हैं। 490 किसानों व मछुआरों को नीली क्रांति से रोजगार मिला है।

(रिपोर्ट- वरूण गुप्ता, औरैया )

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