फतेहपुर के बकेवर निवासी प्रमोद तिवारी पुत्र बांके बिहारी लाल तिवारी ने थाना बकेवर को एक तहरीर देकर बताया था कि की बीती शाम उसके बच्चे खेत में गाय चरा रहे थे. जिसे गांव के ही दबंग अपराधी किस्म के व्यक्ति सत्यम तिवारी अपने साथियों अमरनाथ मिश्र, राजन शुक्ला व पड़ोसी गांव का पूर्व प्रधान रिंकू ने पहुंचकर बच्चे को मारना पीटना शुरू कर दिया. तो छोटा बच्चा घर दौड़कर आया और बताया कि खेत में सत्यम् आदि लोगों ने आकर भाई को मारना पीटना शुरू कर दिया है.
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बच्चे द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर उसकी पत्नी और वह स्वयं जब मौके पर पहुंचा तो पहले से मौजूद सत्यम तिवारी अमरनाथ मिश्रा, राजन शुक्ला व रिंकू ने गाली गलौज करते हुए मारना पीटना शुरू कर दिया और धमकी दी कि अगर पुलिस के पास गए तो जान से मार देंगे और गांव को बिकरु गांव बना देंगे. किसी तरीके से वह अपने परिवार के साथ जान बचाकर भागा. जब वह और उसकी पत्नी भागकर घर की ओर आने लगे तो पीछे से आकर इन लोगों ने उसकी पत्नी के साथ अश्लील हरकतें किया.
तीन अभियुक्त फरार-
थानाध्यक्ष बकेवर ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के मुताबिक चार लोगों में सत्यम् तिवारी पुत्र बबी तिवारी, अमरनाथ मिश्रा पुत्र बसंत मिश्र, राजन शुक्ल पुत्र उधमदास शुक्ला व रिंकू पुत्र अज्ञात के खिलाफ हो धारा 323 504 506 वह 35 354 तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर आज जहांंनाबाद पुलिस के साथ छापेमारी में एक अभियुक्त अमर नाथ मिश्र को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि अन्य तीन अभियुक्त फरार हो गए जिनकी खोज की जा रही है.
वीडियो वायरल-
सूत्रों से मिली जानकारी के.अनुसार आज भुक्तभोगी अपने परिवार के साथ फतेहपुर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करने गया था. किंतु जब पुलिस अधीक्षक नहीं मिले तो इस दंपत्ति ने जिलाधिकारी को कर अपनी व्यथा बताई. जिससे जिलाधिकारी ने एसपी से दूरभाष पर बकेवर के मामले में कार्रवाई करने को कहा. पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने उसकी तहरीर बदलवा दी है. जबकि वायरल वीडियो में फायरिंग होने व गांव को बिकरु कांड का रूप देने की धमकी दी गई है तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
पुलिस अधीक्षक ने लगाई फटकार-
जिलाधिकारी से हुई वार्ता के बाद पुलिस अधीक्षक ने थाना बकेवर को फटकार लगाई तब पुलिस ने यह ताबड़तोड़ कार्रवाई को अंजाम दिया. मालूम हो कि घटना के दिन का एक को ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें अभियुक्त गणों द्वारा पुलिस से शिकायत करने पर कानपुर के बिकरु गांव जैसी घटना किए जाने की धमकी दी थी. पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने जबरिया उससे तहरीर बदलवा दी है और फायरिंग की बातें को हटवा दिया है. जबकि अभियुक्त गणों ने उसे जान से मार देने की नियत से कई फायर किए थे.