यूपी में घोर विरोधी दलों के एक होने से असमंजस में फतेहपुर लोकसभा सीट

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फतेहपुर–जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2019 का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे लोगों में चर्चाओं का दौर भी तेजी से शुरू हो गया है। इस चुनाव में सपा-बसपा का प्रदेश में गठबंधन हो जाने से स्थिति कुछ अलग ही हो गयी है। 

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लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेजी से बढ़ रही हैं। क्योंकि केन्द्र की भाजपा सरकार के पांच वर्ष का कार्यकाल समाप्ति की ओर है। अब चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू किया जाना है। इससे पहले ही राजनैतिक दलों ने अपने-अपने गठजोड़ बनाना शुरू कर दिये हैं। यह चुनाव मोदी बनाम अन्य राजनैतिक दल होना है। क्योंकि मोदी की लोकप्रियता से सभी विपक्षी राजनैतिक दलों की धड़कने तेज हो गयी हैं। वहीं राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस द्वारा लड़े गये विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भी बढ़त मिली है। इससे साफ जाहिर होता है कि आगामी लोकसभा चुनाव बेहद रोचक होने वाला है। वहीं प्रदेश में भाजपा का सफाया करने के उद्देश्य से घोर विरोधी दल रहे सपा व बसपा ने एक-दूसरे का हाथ थाम लिया है। प्रदेश की सभी सीटों पर गठबंधन धर्म के साथ दोनों पार्टियां चुनाव लड़ेंगी। 

गठबंधन की घोषणा होते ही लोगों के बीच चर्चाएं शुरू हो गयी थीं कि फतेहपुर लोकसभा सीट किसके खाते में जायेगी। जानकार लोगों का कहना है कि यह सीट मायावती सपा के लिए छोड़ सकती हैं। क्योंकि पिछला लोकसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके पूर्व सांसद राकेश सचान लगातार जिले में अपनी आमद बनाये हुए हैं। चुनाव प्रचार के साथ-साथ वह जनता के दुख-दर्द में भी शामिल हो रहे हैं। इसलिए जनता उन्हें इस बार पसंद कर रही है। पूर्व सांसद का कहना है कि गठबंधन से पहले ही इस सीट पर राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उनको प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। वह लगातार राष्ट्रीय नेतृत्व से सम्पर्क बनाये हुए हैं। यह सीट सपा के खाते में ही रहेगी और वह लोकसभा प्रत्याशी होंगे। 

वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि यदि इस लोकसभा चुनाव में बसपा व सपा के पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर प्रत्याशी चयन हुआ तो यह सीट बसपा के खाते में जायेगी। क्योंकि पिछले चुनाव में बसपा प्रत्याशी अफजल सिद्दीकी ने दूसरा स्थान हासिल करते हुए 298788 मत हासिल किये थे। वहीं सपा प्रत्याशी राकेश सचान ने तीसरा स्थान बनाते हुए 179724 हासिल किये थे। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति ने 485994 मत पाकर विजयश्री हासिल की थी। यदि इन आंकड़ों पर गौर किया जाये तो जिले में बसपा का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। लोगों का मानना है कि पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को आधार बनाया गया तो बसपा प्रत्याशी को ही चुनाव लड़ाया जायेगा। वहीं लोगों में यह भी चर्चा है कि बसपा इस बार ब्राह्मण दावेदार को ही प्रत्याशी बना सकती है। क्योंकि बसपा ब्राह्मण, मुस्लिम व अपने परम्परागत दलित वोट बैंक के दम पर इस चुनाव में आसानी से फतह हासिल कर सकती है। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में यह सीट सपा के राकेश सचान को मिलती है या फिर बसपा के किसी अन्य दावेदार को। फिलहाल फतेहपुर लोकसभा सीट किसके खाते में जायेगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। 

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