फर्रुखाबादः मकर संक्रांति पर साधु-संतो ने किया शाही स्नान का बहिष्कार

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फर्रुखाबाद — यूपी के फर्रुखाबाद में मेला रामनगरिया मिनी कुम्भ शुरू होने जा रहा है। शुरुआत होने से पहले सन्तों ने गंगा में गिरने वाले नाले को लेकर कई बार आवाज उठाई लेकिन प्रशासन ने नाले को बंद करने को लेकर कोई भी पहल नहीं की जिससे नजर होकर साधु संतो ने आज मकर संक्रांति पर शाही स्नान नहीं किया ।

साधु-संतो का कहना है की प्रयाग राज में शाही स्नान में साधु-संतो पर पुष्प वर्षा की जा रही और हम लोग गंदे पानी में स्नान करे ऐसा नहीं होगा ।अगर उद्धघाटन से पहले नाला बंद नही हुआ तो वह पुल पर अनशन करेंगे और रोड जाम करेंगे ।

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बता दें कि फर्रुखाबाद के पांचाल घाट गंगा तट पर करीब पचास वर्षों से मेला लगता चला आ रहा इस माघ मेला में हजारो साधू सन्त व कल्पवासी गंगा स्नान करते है गंगा में पूरे शहर के नालो का पानी गंगा में गिरता है ।इस बार 21  जनवरी से 20  फ़रवरी तक मेला लगना है ।प्रशासन ने साधुसंतो को मानाने की जहमत तक नहीं उठाई । जिससे साधु संतो में रोष है ।

वहीं केंद्र में भाजपा सरकार के पांच साल पूर्ण होने वाले है  इस समय प्रयागराज में कुम्भ मेले के बाद भी बाद भी गंगा मैली की मैली दिखाई दे रही है।जिसका मुख्य कारण यह है शहर से निकलने वाले नालों का पानी सीधा गंगा में प्रभाहित हो रहा है।उन नालों पर कोई भी ट्रीटमेंट प्लांट नही लगाया गया है दूसरी तरफ बड़े नालों के बाद गंगा के किनारे बसे दर्जनों गांवों की गंदकी गंगा में जा रही है ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कई सालों से आंदोलन चलाये जा रहे है।बहुत से समाजसेवी आमरण अनशन भी बैठे तो जिला प्रसाशन ने उनको उठाने के लिए बड़े बड़े वादा भी कर दिए लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट नही लगाया जा सका।

शहर में छपाई करने के सैकड़ो कारखाने चल रहे है उनका रंगीन केमिकल्स युक्त पानी भी गंगा के जल में विष घोल रहा है।गंगा प्रदूषण नियंत्रण विभाग के कर्मचारी जब भी कारखानों पर छापेमारी करते है।वह लोग अपनी अपनी जेब गर्म करने के बाद कोई कार्यवाही नही करते है।जब कि गंगा को अपनी माँ के रूप में मानने वाले लोग उसके जल को पीने के बाद अपनी प्यास बुझाते है।

(रिपोर्ट-दिलीप कटियार,फर्रुखाबाद)

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