फर्रुखाबादः बाढ़ का कहर, गांव बने टापू, घरों में कैद हुए लोग
फर्रुखाबाद–तराई इलाकों में गंगा के बढ़ते जलस्तर से हालात खराब हो गए हैं। गाँव टापू बन गए और लोग घरों में कैद हो गये। मवेशियों को खाने के लाले हैं, वहीं गाँवों का सम्पर्क मार्गों से सम्बन्ध टूट गया है।
फर्रुखाबाद में रुक-रुक कर हो रही बरसात ने बाढ़ पीडि़तों की समस्याएं बढ़ा दी हैं। बाढ़ के पानी से बचा कर रखी ग्रामीणों द्वारा लकड़ी गीली हो गई है। महिलाओं को खाना बनाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। गांव समस्तीपुर क्षेत्र में लोगों के आशियाने बाढ़ के पानी से चारों तरफ घिरे हुए हैं तथा गांव कैलियाई में बाढ़ का पानी गांव के चारों तरफ भरा हुआ है। रास्ता भी बंद हो गई है। ग्रामीणों को बाजार जाने के लिए पानी में घुसकर आवागमन करना पड़ रहा है । गांव समस्तीपुर चितार में कटान से बेघर हुए लोग पन्नी तानकर गुजर-बसर कर रहे हैं। बरसात के कारण हो रही कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ रहा है। गांव में कटान अभी भी रुक-रुक कर हो रहा है। गांव-गांव कटरी तौफीक में भी गांव के चारों तरफ पानी भरा हुआ है जिससे गांव के पास सड़क कट गई है। गांव भगवानपुर के भी पास भी कटान हो रहा है। गांव कमतरी में गांव के चारों तरफ पानी भरा हुआ है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि रुक-रुक कर हो रही बरसात से खाना बनाने के लिए बचा कर रखी गई लकड़ी भी भीग गई है, जिससे महिलाओं को खाना बनाने में काफी कठिनाई का सामना करना करना पड़ रहा है तथा खेतों में भी पानी भरा हुआ है जिससे उनके पशुओं के लिए चारे की समस्याएं सामने आ रही हैं।प्रशासन द्वारा अभी तक नाव की व्यवस्था नहीं कराई गई है। हम लोग अपनी नाव डालकर आवागमन करते हैं।गंगापार क्षेत्र में भी हालात लगातार खराब हो गए हैं। गंगा और रामगंगा दोनों नदियां उफान पर हैं, जिससे लोगों को दोहरी मार पड़ रही है। फसल जलमग्र हो गयी है, गांवों के मुहाने पर पानी है। पशुओं के लिए चारा नहीं है और गंगा किनारे के ग्रामीण एक बार फिर अपनी किस्मत को रो रहे हैं।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)