Farmers Protest: दिल्ली बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा, किसानों को रोकने के लिए कील कांटों की घेराबंदी !

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Farmers Protest, चंडीगढ़ः किसान संगठनों द्वारा 13 फरवरी को दिल्ली कूच के आह्वान के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और अन्य मांगें के लिए विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने से रोकने के लिए शनिवार को पंजाब-हरियाणा सीमा क्षेत्रों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए कील कांटों की घेराबंदी की है। साथ ही बैरिकेड्स, बोल्डर, रेत से भरे डंपर और कंटीले तार लगाकर पंजाब-हरियाणा सीमाओं को सील कर दिया है। हालांकि इससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। साथ ही यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

7 जिलों में धारा 144 लागू

यहां तक कि अप्रिय घटनाओं को रोकने और वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है। इसके अलावा कई पंजाब-हरियाणा के कई जिलों में धारा 144 लगा दिया है। साथ ही हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। साल 2021 में निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन वापस लेने पर सहमति के बाद यह किसानों का दूसरा सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है।

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किसानों की ये हैं मांगे

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बता दें कि कई किसान संघों (हरियाणा-पंजाब और उत्तर प्रदेश) ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। किसान संगठन एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, कृषि ऋण माफी और पुलिस मामलों को वापस लेने के साथ लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए “न्याय” की भी मांग कर रहे हैं। हरियाणा के अंबाला, जिंद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में स्थानीय अधिकारियों ने बड़ी कंक्रीट की दीवारें खड़ी करके पंजाब की सीमाओं के लगभग सभी प्रवेश रास्तों को सील कर दिया है।

किसानों ने दिल्ली कूच का किया आह्वान

पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा, हम राज्य में किसी भी तरह से शांति भंग नहीं होने देंगे। अगर किसी ने कानून व्यवस्था तोड़ने की कोशिश की तो कार्रवाई की जायेगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल समेत केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत के बाद किसान प्रतिनिधियों ने गुरुवार को चंडीगढ़ में घोषणा की कि वे अपनी मांगों को लेकर 13 फरवरी को संसद तक मार्च करेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान उनके बीच मध्यस्थता कर रहे थे।

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