मेरठ के हस्तिनापुर इलाके में किसानों (Farmers) और वन विभाग forest department के बीच हंगामे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । इस वीडियो में डिस्टिक फॉरेस्ट ऑफीसर आदित्य शर्मा खड़ी हुई है और उनको ग्रामीणों ने घेर रखा है। तो वहीं उनसे कुछ दूरी पर एक किसान (farmers) को कुछ लोग उठा कर ला रहे हैं और कह रहे हैं कि उसने कुछ कीटनाशक पदार्थ खा लिया है।
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बताया जा रहा है कि हस्तिनापुर के खानपुर गढ़ी गांव में किसानों (Farmers) और वन विभाग forest department के बीच जमीन के कब्जे को लेकर विवाद चल रहा है। डीएफओ अदिति शर्मा कल अपनी टीम के साथ वहाँ पहुँची और किसानों से जमीन पर हुए अवैध कब्जे को खाली कराने लगी। इतना ही नहीं उनपर आरोप है कि उन्होंने खेत मे खड़ी फसल पर भी ट्रैक्टर चढ़वाकर फसलों को नष्ट करवा दिया। जिससे किसानों आक्रोशित हो गए और दो किसानों ने कीटनाशक दवाई पी ली। जिन्हें आनन-फानन में उपचार के लिए हॉस्पिटल भेजा गया।
लेखपाल पर भी कार्रवाई…
जब इस वीडियो की पड़ताल की और डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर अदिति शर्मा से बातचीत की तो इस वीडियो की सारी सच्चाई निकल कर सामने आ गई। अदिति शर्मा का कहना है कि 1995 में किसानों को कोई पट्टे दिए गए थे लेकिन इन पट्टों में फर्जीवाड़ा पाए जाने के बाद 2020 में कोर्ट ने यह पट्टे निरस्त कर दिए थे जिसमें एक लेखपाल पर भी कार्यवाही की गई थी। जिसको देखते हुए हाईकोर्ट ने सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा यहां पर सर्वे कराया गया था जिसमें 2 जिलों का पुराना चला आ रहा विवाद भी सुलझ गया था।
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अब विवाद सुलझने के बाद पीडब्लूडी ने भी अपने पिलर यहां पर खड़े कर दिए थे और यह बात तय हुई थी कि वन विभाग की जमीन पर किसानों की फसल है तो जैसे जैसे वह फसल कटती जाएगी वैसे वैसे वन विभाग अपनी जमीन को अपने अंडर में ले लेगा। डीएफओ का कहना है कि कल कोई अतिक्रमण नहीं हटाया गया था और ना ही वह वहां पर अतिक्रमण हटाने की मंशा से गई थी लेकिन वहां मौजूद ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया और किसी दो लोगों के कीटनाशक पीने की बात भी करने लगे हालांकि मेरे सामने किसी ने कोई कीटनाशक नही पिया था।
डीएफओ साहिबा थी मौजूद
लेकिन जो तस्वीरें हम आपको इस वायरल वीडियो में दिखा रहे हैं वह तस्वीरें यह साफ कर रही हैं कि जहां डीएफओ साहिबा उस समय वहां मौजूद होने से मना कर रही है तो वहीं इन तस्वीरों में डीएफओ साहिबा ग्रामीणों के बीच घिरी दिखाई दे रही हैं। लेकिन इस मामले में कितनी सच्चाई है यह आधिकारिक जांच के बाद ही साफ हो पाएगा।
(रिपोर्ट- सागर कुशवाहा, मेरठ)