दिनेश राम के मिलते ही फफक कर रो पड़े परिजन, ‘एस्पायरिंग लाइव्स’ का प्रयास लाया रंग
मानसिक रूप से विक्षिप्त दिनेश राम जो 2019 में अपने घर से लापता हो गए थे और भटकते हुए केरल जा पहुंचे।
मानसिक रूप से विक्षिप्त दिनेश राम जो 2019 में अपने घर से लापता हो गए थे और भटकते हुए केरल जा पहुंचे। वहीं तीन साल बाद दिनेश राम तमिलनाडु के ‘एस्पायरिंग लाइव्स एनजीओ’ द्वारा उनका परिवार से पुनर्मिलन हो पाया है। बता दें कि यह घटना उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद जमानिया विकास खंड के बहादुरपुर गांव से सामने आई है। दरअसल,3 साल से लापता दिनेश राम का अपने परिवार से पुनर्मिलन हुआ है। ‘एस्पायरिंग लाइव्स एनजीओ’ ने दिनेश राम (48 वर्षीय) के परिवार का पता लगाकर उनको उनके परिवार से तीन साल बाद मिलाया है।
‘एस्पायरिंग लाइव्स एनजीओ’ ने किया सराहनीय काम:
बता दें कि दिनेश राम को इनकी असहाय स्थिति में केरल के कोल्लम जिले में स्थित एस एस समिथि अभया केंद्रम नामक संस्था में 10 दिसंबर, 2019 को दाखिल किया गया था। इस संस्था ने 9 नवंबर, 2020 को दिनेश राम के परिवार का पता लगाने और तत्पश्चात उनको उनके परिवार के पास भेजने के उद्देश्य से ‘एस्पायरिंग लाइव्स एनजीओ’ से संपर्क किया। वहीं मानसिक रूप से विक्षिप्त दिनेश राम अपने घर का पता, और रिश्तेदारों के बारे में बता पाने में बिलकुल असमर्थ थे। लेकिन उनके परिवार का पता लगाने के लिए यह जानना सबसे महत्वपूर्ण था। फिर भी ‘एस्पायरिंग लाइव्स एनजीओ’ ने दिनेश राम के द्वारा बताए गए अस्पष्ट तथ्यों के आधार पर ही उनके परिवार का पता लगाया। उसके अगले ही, यानि कि 10 नवंबर, 2020 को ‘एस्पायरिंग लाइव्स एनजीओ’ ने उनके परिजनों को इसकी सूचना दी।
कोरोना की वजह से परिजनों से मिलने में हुई देरी:
कोरोना थोड़ा कम होने के इंतजार में उनके परिजनों को उन्हें घर ले जाने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। वहीं कोरोना संक्रमण के प्रभाव कम होने पर ‘एस्पायरिंग लाइव्स एनजीओ’ ने दिनेश राम के परिवार को चेन्नई बुलाया था। तो उनके परिवार से दिनेश राम के बड़े भाई (महेश्वर नाथ भारती), और दूर के दामाद (राजेंद्र कुमार) उनको लेने के लिए वहां पहुंचे हुए थे। जहां एस्पायरिंग लाइव्स ने चेन्नई के पेराम्बुर रेलवे स्टेशन पर दिनेश राम को उनके परिवार की तरफ से आए हुए उन दोनों रिश्तेदारों को सुपुर्द कर दिया।
एस्पायरिंग लाइव्स के इन सदस्यों का रहा योगदान:
दिनेश राम का अपने परिजनों से पुनर्मिलन में ‘एस्पायरिंग लाइव्स’ के मैनेजिंग ट्रस्टी (मनीष कुमार) का बहुमूल्य योगदान रहा है। साथ-ही-साथ, एस्पायरिंग लाइव्स के संस्थापक (फरीहा सुमन), और समन्वयकों (प्रियंका प्रीतम और मोहम्मद असरुदीन एम) का भी सहयोग रहा है।
जहां आजकल के इस भाग-दौड़ वाली जीवनशैली में जब पारिवारिक बंधन और सौहार्द तेजी से कम होता जा रहा है। वहीं ऐसे परिवेश में दिनेश राम के परिजनों ने गरीबी और कोरोना के डर को पीछे छोड़ते हुए उन्हें चेन्नई से उत्तर प्रदेश लाकर पारिवारिक बंधन और सौहार्द का एक अनूठा उदाहरण इस समाज में पेश किया है। उसके लिए दिनेश राम के परिवार को और ‘एस्पायरिंग लाइव्स एनजीओ’ के उन सभी सदस्यों को सलाम करते हैं। क्योंकि एक मानसिक रूप से विक्षिप्त इंसान को परिवार में गुम होने के इतने साल बाद इतनी आत्मीयता के साथ अपनाया जाना, बहुत ही सराहनीय है। इसके लिए, इस परिवार के बारे में लोगों को जानना चाहिए।
वहीं दिनेश राम और उनका परिवार के साथ साथ वहां के स्थानीय लोग भी इस पुनर्मिलन को लेकर अत्यंत खुश हैं। एस्पायरिंग लाइव्स की टीम भी इस पुनर्मिलन के बाद से बेहद प्रसन्न है।
‘एस्पायरिंग लाइव्स एनजीओ’ असहाय लोगों की करता है मदद:
आपको बता दें कि ‘एस्पायरिंग लाइव्स’ एनजीओ 8 मई, 2018 को पंजीकृत संस्थान है। यह बिना किसी बाह्य स्रोत और वित्तीय सहायता से अभी तक 112 मानसिक रूप से असक्षम लापता लोगों को उनके परिवार से मिलाया है। इसकी शाखा तमिलनाडु के तिरुपत्तुर जिले में स्थित है।
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