आस्था या अंधविश्वास: विचित्र नवजात बच्ची को देखने के लिए लगा लोगों का तांता
औरैया— विज्ञान के इस युग मे आस्था पर भारी अंधविश्वास कैसे होता है ये देखना हो तो आप औरैया जिले में आईये .जहां इन दिनो एक नवजात बच्ची नैना देवी का साक्षात रुप, न सिर्फ मानी जा रही है बल्कि उसके दर्शन और पूजा पाठ के लिए दूर दूर से लोगो की भीड़ भी जमा हो रही है ।
पांच दिन पहले जन्मी इस बच्ची को लेकर ये अफवाह फैल चुकी है कि ये बच्ची पैदा होते ही उठ कर बैठ गयी थी और लोगो को अपने पिछले जन्म के बारे बताकर शांत हो गयी थी।वही गांव वालों का कहना है कि बच्ची साक्षात नैना देवी है और उन्होने दर्शन देकर सभी को बताया है कि तीन दिनो बाद उनकी समाधि बना दी जाये—-
दरअसल यह मामला औरैया के अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के सेंगनपुठ्ठा गांव का है,जहा कौतूहल का विषय बन चुकी ये नवजात और अर्द्धविकसित ये कन्या,जिसे देवी मानकर पूजा जा रहा है।अनकही पहेली से कम नही है इसकी दास्ता ,लाल चुनरी मे लिपटी हुई इस कन्या के सामने महिलाए ताली बजाकर और आरती कर रही है। इन ग्रामीण महिलाओ का कहना है कि कन्या ने सपना दिया है और बताया है कि वो नैना देवी का रुप है।जहां अंधविश्वास आस्था का दूसरा रुप बन चुका है।हम दावा नही कर रहे है लेकिन ये जरुर कहना चाहेगे कि ये कन्या अब आस पास के जिलो मे भी चर्चा का केन्द्र बन चुकी है।ग्रामीणो की माने को नैना देवी दिन मे तीन बार रंग बदलती है और रात में ये आंखे बंद हो जाती है।
बता दें कि सेंगनपुठ्ठा गांव की रहने वाले रामकिशन की पत्नी पूजा को ये बेटी आपरेशन से पैदा हुई लेकिन जब डाक्टरों ने इसे मृत बताकर ले जाने को कहा ,लेकिन जैसे ही घर वाले इस कन्या को घर लाये और दफनाने जा रहे थे तो ये उठकर बैठ गयी।जिससे लोग डर गये ,गांव वालो का कहना है कि इस अदुभुत कन्या ने उसी दिन बताया कि वो साक्षात देवी है और आज से ग्यारवे दिन बाद वह समाधि ले लेगी ,इतना बोलते ही वह मौन धारण कर गयी ,और तब से आज तक इसी तरह घर के बाहर तख्त में आरती पूजन के साथ अखण्ड ज्योति जलाकर दिन रात जागरण किया जा रहा है।
हम अंधविश्वास को बढ़ावा देती इन तस्वीरो पर अपना दावा नही करते कि ये देवी का रुप है। लेकिन दूर-दूर से आने वाली श्रद्धालु महिलाओं की माने तो इस अद्भभुत कन्या के दर्शन के बाद जो भी मनोकामना मांगी वो पूरी हो गयी है।आस्था या अंधविश्वास की अनोखी दास्ता बनी ये कन्या तीन दिनो बाद गांव के पास बने तालाब मे समाधि के लिए ले जायी जायेगी,लेकिन गांव वालो मे देवी के इस रुप को लेकर चर्चा जोरो पर है कि अगर देवी का पूजा अर्चना मे कमी आयी तो गांव मे देवी का प्रकोप जरुर बरपेगा,इसलिए तीन दिनो बाद समाधि दी जायेगी।
(रिपोर्टर – वरुण गुप्ता,औरैया)