गोल्डन बाबा (Golden baba) के नाम से मशहूर सुधीर कुमार मक्कड़ का मंगलवार देर रात निधन हो गया है. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे उनका इलाज एम्स अस्पताल में चल रहा था. गोल्डन बाबा (Golden baba) हरिद्वार के कई अखाड़ों से जुड़े रहे हैं और उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे.
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पूर्वी दिल्ली स्थित गांधी नगर के रहने वाले सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा (Golden baba) मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले थे. बताया जाता है कि संन्यासी बनने से पहले सुधीर कुमार मक्कड़ दिल्ली में गारमेंट्स का कारोबार करते थे. अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए सुधीर कुमार मक्कड़ गोल्डन बाबा बन गए. गांधी नगर के अशोक गली में गोल्डन बाबा का आश्रम है.
गोल्डन बाबा के नाम से फेमर थे सुधीर कुमार
दरअसल गोल्डन बाबा को 1972 से ही सोना पहनना पसंद था. बताया जाता है कि वह सोने को अपना ईष्ट देवता मानते थे. बाबा हमेशा कई किलो सोना पहने रहते हैं. बाबा की दसों उंगलियों में सोने की अंगूठी, बाजुबंद, सोना का लॉकेट है. यही नहीं गोल्डन बाबा कांवड़ यात्रा के दौरान करीब 20 सोने के आभूषण पहनते थे. इसलिए बाबा की सुरक्षा में हमेशा 25-30 गार्ड तैनात रहते थे.
हिस्ट्रीशीटर थे गोल्डन बाबा
बता दें कि गोल्डन बाबा पूर्वी दिल्ली के पुराने हिस्ट्रीशीटर थे. हिस्ट्रीशीट का मतलब थाने में खोला गया बाबा के नाम का वो बही-खाता जिसमें उनके तमाम छोटे-बड़े गुनाहों का पूरा हिसाब-किताब दर्ज हैं. इन मुकदमों में अपहरण, फिरौती, जबरन वसूली, मारपीट, जान से मारने की धमकी जैसे तमाम छोटे-बड़े गुनाह शामिल हैं.
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