अधिकारियों व ठेकेदारों के गठजोड़ से योगी सरकार के ई टेंडरिंग फैसले की उड़ी धज्जियां
हरदोई–उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ठेकेदारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए मैनुअल टेंडरिंग समाप्त करके ई टेंडरिंग की व्यवस्था शुरू की थी लेकिन उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में योगी सरकार का यह महत्वपूर्ण फैसला अधिकारियों और ठेकेदारों के गठजोड़ के आगे बेबस नजर आ रहा है।
हरदोई में लाखों रुपए के निर्माण काम टेंडर पड़ने की डेट से पहले ही शुरू हो गए हैं। यह निर्माण कार्य किसी दूरदराज इलाके में नहीं बल्कि कलेक्ट्रेट में उसी जगह पर चल रहे हैं जहां जिले के मुखिया जिला अधिकारी से लेकर तमाम प्रशासनिक अधिकारी बैठते हैं। योगी सरकार के ई टेंडरिंग के फैसले की धज्जिया उड़ा कर अपने चहेते ठेकेदारों से टेंडर पड़ने से पहले ही काम पर सवाल खड़े होने के बाद जिले के प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले में गोलमोल जवाब देने में जुटे हुए हैं।
दरअसल हरदोई के कलेक्ट्रेट में स्थित पार्क के ठीक सामने जिले के सबसे बड़े हाकिम जिलाधिकारी का दफ्तर है। यहां पर पचासो मजदूर काम करते नजर आ रहे हैं। सड़क बनाने के लिए पत्थर पड़ा हुआ है तो उसके ऊपर डालने के लिए इंटरलॉकिंग भी रखी हुई है। अंडर ग्राउंड पाइपलाइन डालने का काम तेजी से चल रहा है। निर्माण काम बड़ी तेजी से चलते आपको एकबारगी में यह महसूस हो की यहां सब नियमों के मुताबिक चल रहा है।तो जरा इस ओर भी गौर करें कि नगर पालिका परिषद हरदोई की तरफ से एक निविदा प्रकाशित की गई है। निविदा में साफ तौर पर 28 सितंबर तक निविदा आमंत्रित की गई है जो उसी दिन खोली जाएंगी लेकिन हरदोई में अफसरों और ठेकेदारों के गठजोड़ के चलते निविदा पड़ने से पहले ही बाकायदा पार्क में काम शुरू है।
जाहिर है कि सरकार के ठेकेदारों और अफसरों के गठजोड़ को तोड़ने के लिए ई टेंडरिंग के फैसले को ताक पर रखकर नगर पालिका अपने किसी चहते ठेकेदार से गठजोड़ के चलते लाखों रुपए के काम निविदा पड़ने से पहले ही कराने में जुटी हुई है। जब टेंडर से पहले ही शुरू हुए इस काम को लेकर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी से सवाल किया गया तो वह सरेआम चल रहे कैमरे में कैद इस निर्माण कार्य को लेकर पूरे मामले में अलग ही जवाब देते नजर आए।
ताज्जुब की बात तो यह है कि यहां पर जिला अधिकारी से लेकर तमाम बड़े प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तर हैं लेकिन ठेकेदारों के गठजोड़ के आगे यह बड़े बड़े अधिकारी भी बेबस नजर आ रहे हैं। अपर जिलाधिकारी से जब नगर पालिका की लाखों रुपए की निर्माण कार्य की धांधली और ई टेंडर प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाने पर सवाल किया गया तो वह पूरे मामले में जांच की बजाय खुद भी गोलमोल जवाब देते नजर आए।
(रिपोेर्ट-सुनील अर्कवंशी, हरदोई)