गश्त के दौरान सिपाही की गोली लगने से मौत,परिजनों का आरोप खाकी ने ली खाकी की जान 

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कानपुर — कानपुर देहात में उस वक्त हडकम्प मच गया जब गश्त  दौरान सरकारी रैफेल से गोली लगने से एक सिपाही की मौत हो गयी। वहीं सिपाही की मौत से पूरे जनपद में सनसनी फ़ैल गयी।

घटना की जानकारी लगते ही एसपी कानपुर देहात मौके पर पहुंचे और पुलिस विभाग का दामन पाक साफ़ रखते हुए बिना किसी प्रमाण के घटना को सोसाइड बता दिया जबकि मृतक सिपाही के परिजन चीख-चीखकर बयान कर रहे है की सिपाही को गोली मार कर उसकी ह्त्या की गयी है। आरोप है कि सिपाही को गोली मारने वाला कोई और नही बल्कि खाकी धारी सिपाही ही है। लेकिन अधिकारी इस बात को दबाने में लगे है और ह्त्या को सोसाइड बता रहे है।

गौरतलब है की महज़ 4 दिन पहले सूबे की राजधानी लखनऊ में एक मल्टीनेशनल कंपनी के मैनेजर को एक सिपाही ने गोली मार कर उसकी ह्त्या कर दी थी। वही आज खाकी ने खाकी की ही जान ले ली। 

पहले पुलिस निर्दोष लोगो को अपनी गोली का शिकार बना कर उन्हें मौत के घाट उतारती थी लेकिन अब खाकी खाकी को भी नही बख्श रही है। यानी पुलिस अब पुलिस को ही अपनी गोली का शिकार बना रही है ये हम नही कह रहे है बल्कि पीड़ित यानी मृतक सिपाही का परिवार चीख चीख कर बयान कर रहा है। दरअसल लखनऊ के बाद अब दूसरी घटना कानपूर देहात में देखने को मिली जहा सिपाही ने ही सरकारी बन्दूक से गोली मार कर सिपाही को ही मौत के घाट उतार दिया लेकिन पुलिस के आलाधिकारी इसे सोसाइड बता रहे है।

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बता दें कि दूसरी बार पुलिसिया दहशत की दास्तान सूबे के कानपूर देहात से आयी है। जहां गजनेर थाने में तैनात सिपाही नरेश यादव की गोली मार कर हत्या कर दी गयी लेकिन पुलिस के आलाधिकारी इसे सोसाइड बता रहे है। जबकि सिपाही नरेश यादव के परिजन सीधे हत्या किये जाने का आरोप लगा रहे है।

दरअसल सिपाही नरेश यादव अपने साथी  सिपाही  वेदप्रकाश के साथ  रात में गस्त पर निकला था। ये दोनों सिपाही कानपूर देहात के गजनेर थाने तैनात थे दोनों रात को आठ बजे डियूटी पर निकले थे ।रात साढ़े दस बजे साथी सिपाही ने थाने में सूचना दी की नरेश ने खुद को अपनी रायफल से गोली मार ली है। इस दौरान नरेश को घायल अवस्था में कानपूर के रीजेंसी हॉस्पिटल लाया गया लेकिन वहा पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। एक ओर जहां कानपूर देहात के एसपी राधेश्याम सिपाही की मौत को सुसाइड बता रहे है वही मृतक के परिजन इसे सीधे सीधे हत्या बता रहे है। सिपाही के रिश्तेदारों का आरोप है की मृतक नरेश यादव को कोई तनाव नहीं था तो वह सुसाइड क्यों करेंगे।

उधर एसपी का कहना है की अभी तो यह सीधे सुसाइड लग रहा है पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद बाकी तथ्यों का पता चलेगा ।वैसे सिपाही की सुसाइड की बात गले उतर भी नहीं रही है क्योंकि वह खाना खाकर आराम से बातचीत करते हुए गस्त पर  निकला था उसको कोई परेशानी भी नहीं थी तीन साल बाद उसका रिटायरमेंट था तो वह सुसाइड क्यों करना चाहेगा।

वहीं मौके पर मौजूद सिपाही का बयान हत्या की ओर इसारा कर रहे है। सिपाही कुछ भी साफ़ साफ़ नहीं बता पा रहा है गोली कैसे लगी या किसी ने मारी इसे कुछ नही याद हां सिर्फ इतना याद है की सिपाही नरेश को ये खून से लत फथ हालत में अस्पताल ले आया था। बाक़ी साथ में एक सिपाही कप्तान सिंह यादव का पता नही मृतक के परिजन उससे मिलना चाहते है। उससे पूछना चाहते है की आखिर घटना कैसे हुयी लेकिन साथी सिपाही कप्तान सिंह यादव लापता है मृतक सिपाही नरेश यादव के परिजनों की माने तो सिपाही नशे में थे और इसी चक्कर में नरेश के गोली मार दी।

(रिपोर्ट-संजय कुमार,कानपुर देहात)

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