सड़क पर जच्चा बच्चा की ऐसी मौत हुई कि देखने वालों की कांप गई रूह
अस्पताल में तैनात स्टाफ ने उसको देखना मुनासिब नही समझा.
डिलीवरी के समय महिला अस्पताल लाई गई प्रसूता और उसके गर्भ में पल रहे शिशु की अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के चलते जान चली गई और मौत भी ऐसी की आस पास के लोगो की आंखें नम हो गईं।
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हजतरतपुर थानां इलाके के हैदलपुर की रहने वाली गीता को उसके परिजन और आशा कार्यकत्री डिलीवरी के लिए जिला महिला अस्पताल लेकर पहुचे लेकिन अस्पताल में तैनात स्टाफ ने उसको देखना मुनासिब नही समझा और सबसे पहले कोरोना की जांच कराने के लिए जिला अस्पताल भेज दिया चूंकि महिला को पहले से ब्लीडिंग हो रही थी और महिला अस्पताल से महज 20 कदम की दूरी पर अम्बेडकर पार्क के पास सड़क पर गिर पड़ी।उस बदनसीब को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक जाने के लिए किसी प्रकार का वाहन तक उपलब्ध नही कराया गया।जबकि उसकी हालत गंभीर थी।
नतीजा यह हुआ कि जच्चा बच्चा की बीच सड़क पर ही मौत हो गई।आसपास के लोगो ने मानवता दिखाते हुए प्रसूता पर कपड़ा डाल दिया।आखिर में आधा घंटे तक सड़क पर पड़ी रहने के बाद प्रसूता को पुलिस के मदद लेकर एम्बुलेंस महिला अस्पताल पहुची लेकिन वहां दोनो को मृत घोषित कर दिया। यहाँ तक कि डॉ फ़ोन पर बात करती रही और उसने प्रसूता को नही देखा बड़ी मुश्किल से मीडिया के दबाव के चलते नीचे अपने केबिन से उतर कर आई पर तब तक बहुत हो चुकी थी ।
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उधर जिले के सीएमओ यशपाल सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह महिला 18 जून को हैदराबाद से हजरतपुर के ग्राम उघेता नगला से आयी थी और आज इसको सीएचसी से रैफर किया गया था इनको तेज ब्लीडिंग थी शरीर पीला पड़ गया था और सूजन थी यह सांस भी नही ले पा रही थी।इसकी कोई जांच भी नही हुई थी इसको कोविड टेस्ट के लिए भेजा गया था जहां इसकी मौत हो गई है।उसको गंभीर हालत में भी वाहन ना उपलब्ध कराए जाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि इस मामले में पूरी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।
(रिपोर्ट- राहुल सक्सेना, बदायूँ)