फर्रुखाबाद में बाढ़ से जनजीवन अस्तव्यस्त, डीएम ने कहा- कोई बड़ी दिक्कत नही

0 20

फर्रुखाबाद– रामगंगा और गंगा नदी का जलस्तर कम न हुआ तो जिले में बाढ़ से हालात बेकाबू हो सकते है। नदियो का बढ़ा जलस्तर अब विकराल रुप ले रहा है। इससे ग्रामीण को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है।

कई गांवों में तो लोग घरों की छत पर खाना बनाने को मजबूर है। बहुत से ग्रामीण सिर्फ चावल के सहारे ही जिंदा है। तो वहीं घरों में राशन भी खत्म होने की कगार पर है। फर्रुखाबाद के लगभग 70  गांवो में चारो ओर बाढ़ का पानी ही पानी है। जिससे करोड़ो रुपये के नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है। हालांकि प्रशासन ने अभी यहां के लोगों को मदद दी थी।

Related News
1 of 1,456

मंझा की मड़ैया गांव का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां तो लोग पानी से घिरे हुए हैं। बच्चे जब दिन में अधिक जिद करते हैं तो चावल पकाकर दे दिए जाते हैं। यहां भी लोगों के पास दिक्कतें बढ़ रही हैं। आशा की मड़ैया, उदयपुर, सबलपुर, जगतपुर, कंचनपुर, कुड़री सारंग, करनपुर, नगला दुर्गू, हरसिंहपुर कायस्थ आदि गांव में लोग बाढ़़ के पानी को लेकर परेशान हो रहे हैं।

यह गांव बाढ़ के पानी से इस कदर घिरा है कि यहां राजस्व टीम जाने की हिम्मत नहीं  जुटा पा रही है । सांसद मुकेश राजपूत और जिलाधिकारी मोनिका रानी ने नगला दुर्ग, कछुआगाड़ा, सुंदरपुर, पट्टी भरखा सहित आधा दर्जन गांव में वह नाव पर सवार होकर पहुंचे।

बाढ़ से प्रभावित लोगों को तिरपाल व अन्य राहत दी। ग्रामीणों को पूरी मदद का भरोसा दिया। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि क्षेत्र में नजर रखी जा रही है। पूरी राजस्व टीम अलर्ट है। कहीं कोई अभी बड़ी दिक्कत नहीं आई है। बस बाढ़ का पानी ही भरा है। 

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...