एक अफवाह की वजह से यहां पिछले 36 घंटो से हो रहा माता का जलाभिषेक

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मेरठ — ना कोई तीज है ना त्यौहार है और ना ही कोई उपवास फिर भी मंदिर में माता का जलाभिषेक करने के लिए महिलाओं के आने जाने का तांता लगा है।

जी हां हम बात कर रहे हैं मेरठ के प्राचीन मंदिर भूमिया मंदिर की जहां पर पिछले 36 घंटों से दिन रात महिलाएं लगातार भूमिया माता का जलाभिषेक कर रही है और अपने बेटों की लंबी उम्र की कामना कर रही है। जिसकी वजह है अफवाहों का दौर। 

आपको बता दें कहीं से एक मैसेज चला कि जिन माताओं ने अहोई का व्रत रखा है उनके इस बार यह व्रत बेटों पर कष्ट बन सकता है इसलिए माता को अहोई माता को मनाने के लिए भूमिया माता के ऊपर ज्यादा से ज्यादा जल चढ़ाकर भूमिया माता को शांत करना होगा। फिर क्या जिस भी मां को इस बात की जानकारी लगी वह जल का लोटा उठाकर भूमिया माता मंदिर की तरफ भाग खड़ी हुई और पिछले 36 घंटे से लगातार भूमिया माता के ऊपर जल चढ़ाया जा रहा है । यह अफवाह कहां से चली किसने उड़ाई किसी को कुछ नहीं पता बस अंधविश्वास में सब रात दिन जल चढ़ाए जा रहे हैं ।

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बता दें कि जैसे अपनी पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन करवा चौथ का व्रत रखती है वैसे ही अपने बेटों की दीर्घायु के लिए माताएं अहोई का व्रत रखती है। अहोई का व्रत बीते हुए 1 दिन भी नहीं हुआ है अहोई माता आरोप लगने लगे। जिस अहोई माता का व्रत रखकर महिलाएं अपने बेटों की लंबी उम्र की कामना करती हैं उसी अहोई माता के खिलाफ एक संदेश चल रहा है कि इस बार अहोई माता बेटों पर भारी है ।

इसलिए माता को मनाने के लिए भूमिया माता का जलाभिषेक करके उनको शांत करना होगा और अपने बेटों की सलामती की कामना मांगनी होगी। इसलिए मेरठ और मेरठ के आसपास के क्षेत्रों की महिलाएं लगभग 36 घंटों से मंदिर में लगातार भूमिया माता का जलाभिषेक कर रही हैं और अपने पुत्रों की सलामती की प्रार्थना कर रही है।

दरअसल इस भूमिया माता मंदिर का इतिहास अपने आप में अलग ही है। यहां पर रावण की पत्नी मंदोदरी और इतिहास में हमेशा सुना जाने वाला आल्हा और उदल भी यहां पर आकर जल चढ़ाते थे और भूमिया माता की आराधना किया करते थे। साथ ही यह भी माना जाता है उदल के बेटे इंदर को भूमिया माता ने अमरता का वरदान दिया था जिस वजह से इस भूमिया माता की और ज्यादा मान्यता बढ़ जाती है। अब पिछले 36 घंटे से लगातार भूमिया माता पर जल चढ़ाया जा रहा है । आइए आपको दिखाते हैं ये अंधविश्वास है या फिर भक्ति।

इस मामले में हमने मंदिर के पुजारी से बात की तो उन्होंने कहा कि अहोई की व्रत वाले दिन की शाम से ही यहां पर महिलाएं जल चढ़ाने आ रही हैं और अब 36 घंटे हो चुकी है लेकिन फिर भी महिलाओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। मेरठ के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों की भी महिलाएं इस मंदिर में आ रही हैं और भूमिया माता का जलाभिषेक कर उनको मनाने की कोशिश कर रही हैं ।लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह मैसेज कहां से शुरू हुआ है और किसने दिया है।

(रिपोर्ट-शुभम शर्मा,मेरठ)

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