आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान जिलाधिकारी
मेरठ – पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है । बात अगर मेरठ की करें तो यहां के जिलाधिकारी भी आवारा कुत्तों से परेशान हैं ।
आवारों कुत्तो नें जिलाधिकारी आवास को भी अपना ठिकाना बना लिया है। जिसके बाद नगर निगम हरकत में आया और कुत्ता पकड़ो अभियान शुरू कर डाला । और इस अभियान की शुरूआत भी जिलाधिकारी आवास से ही शुरू की…
नगर निगम के दावे हैं कि शहर की जनता को आवारा कुत्तों के आतंक से बचाने के लिेए शहर में आवारा कुत्तो को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है और इन कुत्तों को पकडकर शहर से दूर जंगल में छोड़ा जा रहा है।जिसके लिये बकायदा एक पिंजरे का भी इंतजाम किया गया है। लेकिन शहर से आवारा कुत्तो को बाहर निकालने का दावा करने वाला नगर निगम अपने ही परिसर से कुत्तों को निकालने में नाकाम दिखाई दे रहा है।
दरअसल मेरठ के नगर निगम परिसर आवारा कुत्तों को देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि नगर निगम का कुत्ता पकड़ो अभियान क्या है।यही नहीं मेरठ के जिलास्पताल में लोग कुत्तों के काटने के बाद यहां रैबिस के इंजैक्शन लगवाने आते हैं।लेकिन इन खतरनाक कुत्तों को देखकर अंदाजा लगाईये कि ये कुत्ते दिन भर में कितने लोगों को काटते होंगे जाहिर है कि मरीज के साथ आने वाले तीमारदार को भी ये खतरनाक कुत्ते अपने आतंक का निशाना बना लेते हैं।
लेकिन हां नगर निगम ये अभियान चला रहा है तो सिर्फ जिलाधिकारी आवास पर जहां पिंजरा रखकर लगभग आधा दर्जन कुत्तो को नगर निगम में ने कैद कर लिया है औऱ शहर से बाहर जंगल में छोड़ा गया है।ये बात तो थी जिलाधिकारी महोदय की आखिर वो जिले के मालिक हैं और उनकी सुरक्षा में किसी भी चूक से नगर निगम के अधिकारियों को उसका परिणाम भुगतना पड़ सकता था।लेकिन उस आम जनता की सुरक्षा इन कुत्तों से कौन करेगा या सिर्फ कागजों में ही जनता की सुरक्षा के दावें किये जायेंगे।
(रिपोर्ट-अर्जुन टण्डन,मेरठ)