…तो इस वजह से भय्यूजी महाराज ने लगाया मौत को गले

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भोपाल–दुनिया को सुख और शांति की राह दिखाने वाले आध्यात्मिक संत भय्यूजी महाराज अपने घर की कलह से हार गए। जब कोई और रास्ता नही दिखा तो उन्होंने अपनी ही इहलीला समाप्त कर ली।

भय्यूजी की मौत के 20 घंटे बाद जो तथ्य सामने आए हैं उनसे इस बात की पुष्टि होती है कि उन्होंने अपनी पहली पत्नी की बेटी और दूसरी पत्नी के बीच चल रही कलह के चलते जान दी थी। इसके साथ ही उस महिला के बारे में भी पता लगाया जा रहा है, जिससे एक दिन पहले वह एक रेस्त्रां में मिले थे। 

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक पारिवारिक सूत्रों से पता चला है कि भय्यूजी की पहली पत्नी से हुई बेटी कुहू और उनकी दूसरी पत्नी डॉक्टर आयुषी के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण थे, जिसकी बजह से वह बहुत परेशान रहते थे। मंगलवार को कुहू को पुणे से इंदौर आना था। दिन में भय्यूजी उसके कमरे में गए। उन्हें कमरा अस्त-व्यस्त नजर आया। इस पर उन्होंने घर के नौकरों को डांटा। उस वक्त उनकी पत्नी डॉक्टर आयुषी घर में नही थीं। कुछ देर बाद उन्होंने उसी कमरे में आत्महत्या कर ली। 

सौतेली मां और बेटी के बीच कटुता इस कदर हावी थी कि बेटी ने घर आते ही पुलिसकर्मियों से कहा कि डॉक्टर आयुषी की वजह से ही मेरे पिता ने आत्महत्या की है। इन्हें जेल में बंद कर दो। यहीं नही उसने घर में रखी आयुषी की तमाम तस्वीरें तोड़ डाली। बड़ी मुश्किल से पुलिसकर्मियों ने उसे रोका।

उधर पति की आत्महत्या से बदहवास हुई आयुषी ने भी माना है कि कुहू उन्हें पसन्द नही करती थी। उन्होंने कहा, ‘लेकिन गुरुजी के साथ मैं बहुत अच्छे से रह रही थी। मंलगवार को भी सब कुछ सामान्य था। रोज की तरह उठे और पूजा-पाठ किया। सामान्य दिनों की तरह नाश्ता किया। उन्होने दोपहर में कटहल की सब्जी खाने की इच्छा जताई थी। उसकी व्यवस्था करके मैं कॉलेज चली गई थी। लौटी तो पता चला कि गुरुजी, कुहू के कमरे में हैं। जब मैंने कमरे का दरवाजा खटखटाया तो कोई उत्तर नहीं मिला। फिर दरवाजे को तोड़ दिया गया। अंदर देखा तो खून बह रहा था। पिस्टल पास में पड़ी थी। गुरुजी अचेत थे। फिर उन्हें अस्पताल ले गए। मेरे उनसे अच्छे संबंध थे। हमारे बीच कोई तनाव नहीं था।’  

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