यूपी में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का चौकाने वाला खुलासा, दारोगा सस्पेंड
बड़ा खुलासा: कानपुर शूटआउट से पहले ही डीजीपी ने जताई थी आशंका लेकिन...
यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड चेहरा बने विकास दुबे की तलाश में यूपी पुलिस पूरी रात छापेमारी करती रही। 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का दोषी विकास दुबे घटना के बाद से छिपा बैठा है। अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है कि चौबेपुर थाने के ही एक दारोगा ने ही विकास दुबे को पुलिस रेड की सूचना पहले ही दे दी थी। जिस पर बड़ी कार्रवाई करते ही दारोगा विकास तिवारी को ने सस्पेंड कर दिया गया है।
वहीं उत्तर प्रदेश के डीजीपी को प्रदेश में अपराध की स्थिति को लेकर पहले ही अंशका थी। उन्होंने एक महीने पहले एक सर्कुलर जारी करके पुलिसकर्मियों पर आपराधिक तत्वों द्वारा लगातार हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की थी।
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उन्होंने सीनियर अफसरों के नेतृत्व क्षमता पर सवाल भी उठाए थे। डीजीपी एचसी अवस्थी ने इस घटनाओं को रोकने के लिए कई दिशा निर्देश भी जारी किए थे। अगर डीजीपी के इन दिशा निर्देशों को मान लिया जाता तो शायद कानपुर (kanpur) की इतनी बड़ी घटना होने से बच जाती और आठ पुलिसकर्मियों की जान बच जाती।
डीजीपी ने बताए घटना के छह कारण…
डीजीपी ने अपने सर्कुलर में लिखा था कि पुलिकर्मियों पर अपराधिक तत्वों और आम जनता की ओर से किए जा रहे हमले अत्यंत गंभीर हैं। उन्होंने सर्कुलर में इस घटनाओं के छह कारण लिखे थे और घटनाओं को रोकने का निवारण भी लिखा था। अब इस घटना के लेकर आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी वरिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही करार दिया है।
दारोगा ने दी हत्यारे विकास दुबे को रेड की सूचना
जानकारी के मुताबिक पुलिस की जांच में सामने आया है कि चौबेपुर थाने के ही एक दारोगा ने विकास दुबे को पुलिस के आने की जानकारी पहले ही दे दी थी। इस वक्त पुलिस के शक के घेरे में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड है। तीनों की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में इन लोगों से विकास दुबे की बातचीत हुई थी। हैरानी की बात है कि विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं। ये बेहद हैरान करने वाला तथ्य है। फिलहाल चौबेपुर थाना प्रभारी प्रभार विनय तिवारी को सस्पेंट कर दिया गया है।
बता दें कानपुर (kanpur) से सटे बिकरु गांव में शुक्रवार को तड़के पुलिस और विकास दुबे गिरोह के बीच हुए खूनी मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में गिरोह के दो हमलावर भी मारे गए हैं।
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