न्यूज डेस्क — बरसात जाते ही डेंगू ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए है.वहीं डेंगू बुखार के कारण एक खास किस्म का बाजार भी पनप गया है. बकरी का दूध, पपीते का पत्ता, कीवी, डाभ और गिलोय की मांग बढ़ने के कारण ये महंगे हो गये हैं. इस बीमारी में बकरी का दूध उपयोगी माना जाता है. इसी कारण अभी बकरी का दूध 300 से 500 रुपये प्रति लीटर की दर से मिल रहा है.
वहीं पटना के बकरी बाजार के एक कारोबारी मो शोएब कुरैशी ने बताया कि ग्राहकों के अनुसार भी हमलोग दूध की दर तय करते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक बकरी के दूध में विटामिन बी 6, बी 12, विटामिन सी और विटामिन डी की मात्रा कम पायी जाती है. बकरी के दूध में मौजूद प्रोटीन गाय, भैंस की तरह जटिल नहीं होता. इसके चलते यह प्रतिरोधी रक्षा तंत्र पर कोई प्रतिकूल असर नहीं डालता.
440 रुपये में मिल रहा है पपीते वाला टैबलेट
दरअसल पपीते के पत्ते का जूस प्लेटलेट्स को ठीक करने में सबसे कारगर माना गया है. विटामिन-सी और एंटीऑक्सिडेंट का समृद्ध स्रोत पपीते के पत्ते इम्यून सिस्टम को बेहतर करने में भी मदद करते हैं. इसके कारण पपीते के ताजे पत्ते भी बिक रहे हैं. पीएमसीएच के पास पचास रुपये में पांच पत्ते का बंडल मिल रहा है. यदि आप टैबलेट लेना चाहते हैं तो इसके लिए कम से कम 440 रुपये खर्च करना पड़ेगा. डॉक्टरों के अनुसार डेंगू बुखार में अक्सर प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती हैं. इससे पीड़ित मरीज को तुरंत इलाज की जरूरत होती है. डेंगू बुखार से ग्रसित व्यक्ति के यदि प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं, तो पपीते के पत्ते ब्लड प्लेटलेट्स काउंट में सुधार करने में मदद कर सकते हैं.