बेहमई कांड: न्याय की आस लिए चल बसे चश्मदीद जंटर सिंह, दस्यू सुंदरी ने 26 लोगों को कतार में खड़ा कर मारी थी गोली
देश के बहुचर्चित बेहमई कांड के मुख्य गवाह जंटर सिंह की उपचार के दौरान शुक्रवार को मौत हो गयी अभी हाल ही में वादी राजा राम की भी मौत हो चुकी है।गौरतलब है कि 14 फरवरी सन 1981 को जब दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने प्रतिशोध में एक ही जाति के 20 लोगो को कतार में खड़ा कर गोलियों से भून कर मौत की ऐसी इबारत लिखी थी जिससे सारा देश थर्रा गया था। हालांकि फूलन देवी की हत्या हो गयी। फूलन के हत्यारे को भले ही सज़ा हो गयी हो लेकिन बेहमई कांड 40 सालों से चल रहा है।
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फूलन ने एक साथ 26 लोगो को कतार में खड़ा मारी थी गोली
14 फरवरी 1981 ये दिन है जिसे कानपुर देहात के बेहमई गांव में रहने वाले मरते दम तक नही भूल सकते दरअसल दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने अपने गिरोह के साथ मिलकर इसी दिन बेहमई गांव में धावा बोला था फूलन ने एक ही जाती के 26 लोगो को कतार में खड़ा कर गोलियों से छलनी कर दिया था। जिसमे 20 लोगो ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था बाकी 6 लोग बुरी तरह जख्मी हुए थे। उन्ही ज़ख्मी लोगो मे एक जंटर सिंह थे जो आगे चल कर बेहमई कांड के मुख्य गवाह बने। वही आज बेहमई कांड के मुख्य गवाह जंटर सिंह की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गयी ।हालांकि जानकार बताते है कि गवाह जंटर सिंह की गवाही हो चुकी है उनकी मौत से मुकदमे पर कोई फर्क नही पड़ेगा।
कई डाकूओं को हो चुकी है मौत
बता दें कि बेहमई कांड में पुलिस ने दस्यु सुंदरी फूलन देवी, बाबा मुस्तकीम, और डाकू मांन सिंह के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था 30 से 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज हुआ था । बेहमई कांड को हुए 40 बरस गुज़र गए। जबकि इस कांड से जुड़े अधिकांश लोग जवान से बुजुर्ग हो गए। वहीं इस कांड से जुड़े तमाम लोग काल के गाल में समा गए। इस कांड में 40 डाकुओं पर मुकदमा लिखा था जिसमे 7 अभी भी ज़िंदा है 4 डाकुओं का मामला कोर्ट में ट्रायल पर चल रहा है 3 डाकू अभी भी फरार है।
वादी पक्ष के वकील बताते है कि बेहमई कांड में फैसले में देरी की वजह केस डायरी का गायब होना है, केस डायरी गायब होने की वजह से 40 साल हो गए फैसला अभी तक नही आया । वही सरकारी वकील इस बाबत बताते है कि बचाव पक्ष की वजह से फैसले में देरी हो रही है जो नकल 20 साल पहले लग चुकी है बचाव पक्ष वही नकल मौजूदा समय मे फिर निकलवाने की बात करते है यही कारण है कि बेहमई कांड में 40 साल बाद भी फैसला नही आया।
खास बात ये की बेहमई कांड में शामिल विश्वनाथ उर्फ पुतीन उर्फ कृष्ण विक्रम, भीखा, पोसा ,और श्याम बाबू ट्रायल पर है जबकि डाकू मांन सिंह राम रतन और विश्वनाथ आज भी फरार है यानी फरार तीनो डाकुओं को पुलिस 40 साल में भी गिरफ्तार नही कर पायी। या यूं कहें कि फरार डाकुओं को पुलिस गिरफ्तार करने ही नही चाहती जो पुलिसिया कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है।
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(रिपोर्ट-संजय कुमार , कानपुर देहात )