सामाजिक बंधनों को दरकिनार कर बेटी ने पिता को मुखाग्नि देने के बाद मुंडवाया सिर
सीतापुर — सामाजिक बंधनों को दरकिनार करते हुए पिता को मुखाग्नि देने वाली बेटी ने अपने बालों को मुंडवा कर अंतिम संस्कार का एक और फर्ज पूरा किया।
बेटी को बाल मुंडवाते देख वहां मौजूद सैकड़ों आंखें बरबस रो पड़ी । बेटी के जज्बे और पिता के प्रति कर्तव्य बोध को लोगों ने सराहा। बीती 28 मार्च को कस्बे के दीक्षित टोला निवासी राकेश कुमार की बीमारी के चलते मौत हो गई थी।
राकेश महसुनियाँ के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में चपरासी के पद पर तैनात था ।टीवी जैसी बीमारी ने राकेश को आर्थिक रूप से काफी कमजोर कर दिया था । जब राकेश की मौत हुई, तब उसके अंतिम संस्कार को कैसे अंजाम दिया जाए ,इस पर परिवारी जनों के बीच काफी माथापच्ची हुई क्योंकि मृतक राकेश की संतानों में दो बेटियां ही थी । उसको कोई बेटा नहीं था । बड़ी बेटी की 12 साल पूर्व शादी भी हो चुकी थी।
घर परिवार वालों को उलझन में पड़ता देख छोटी बेटी रोशनी सामने आई और पिता के अंतिम संस्कार का जिम्मा अपने सर लिया। पारिवारिक और सामाजिक बंदिशों के बीच रोशनी ने अपने पिता को मुखाग्नि देकर अपना फर्ज पूरा किया।अंतिम संस्कार के क्रम का अगला कदम रोशनी ने अपने बाल मुंडवा कर उसी संजीदगी से पूरा किया। जिस वक्त रोशनी ने अपने बाल मुंडवाये, वहां मौजूद सैकड़ों आंखें नम हो गईं। लोगों ने रोशनी के इस कदम को सराहा।
(रिपोर्ट-सुमित बाजपेयी,सीतापुर)