KGMU की बड़ी लापरवाही आई सामने , खराब हुआ 20 यूनिट ब्लड

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लखनऊ– राजधानी के ट्रामा सेंटर के ब्लड स्टोरेज में 20 यूनिट ब्लड खराब होने का मामले सामने आया है। बताया जा रहा है कि मामले का खुलासा तब हुआ जब एक पेशेंट के परिजन ब्लड लेने स्टोरेज रूम गए ते उन्हें ब्लड देने से मना कर दिया गया। जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। मामले को बढ़ता देख कर्मचारियों ने उन्हें ब्लड खराब होने की जानकारी दी। 

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केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में 4 अलग-अलग पेशेंट का बीते एक महीने से ट्रीटमेंट चल रहा था। उनमें से 2 पेशेंट की कुछ दिनों पहले ही इलाज के दौरान ही डेथ हो गई थी। वहीं, 2 अन्य पेशेंट का ट्रीटमेंट अभी जारी है। पेशेंट के एक अटेंडेट ने बताया, “एक महीने पहले ही डॉक्टरों ने पेशेंट की सर्जरी करने के लिए ब्लड जमा करा लिया था। लेकिन ऑपरेशन के लिए डेट पर डेट देते रहे। बुधवार को डॉक्टरों ने 2-3 दिन में पेशेंट का ऑपरेशन करने के कहा था। साथ ही, ब्लड का अरेंजमेंट्स करने को कहा था। जिसके बाद बुधवार को ट्रामा सेंटर में ब्लड के बारे में जानकारी लेने पहुंचे तो बताया गया कि यहां पर हमारा कोई ब्लड नहीं है। इसके बाद हंगामा करना शुरू हे गया। हंगामा बढ़ता देख कर्मचारियों ने बताया कि ब्लड खराब हो गया है। उसे लौटाया नहीं जा सकता है। फिर इस मामले की कम्प्लेंन हमने केजीएमयू के अधिकारियों से की तो समझाकर वापस भेज दिया गया।

डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. वीके शुक्ला के मुताबिक, “किस मरीज को कितना ब्लड चढ़ाया जाना है ये उसके केस पर डिपेंड करता है। मरीज किस तरह का है? सामान्यत: 20 यूनिट ब्लड से एक्सीडेंट या मामूली चोट के 5 से ज्यादा पेशेंट की जान बचाई जा सकती है। आम तौर पर ब्लड 42 दिन में एक्सपायर हो जाता है। इसे देखते हुए पहले रखे हुए ब्लड का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह सब देखना ब्लड बैंक के अधिकारी की जिम्मेदारी होती है। यदि ब्लड के एक्सपायर होने की डेट नजदीक आ रही है तो ब्लड बैंक के प्रभारी इसे दूसरे हॉस्पिटल के ब्लड बैंक को भी दे सकते है। ताकि वह किसी दूसरे मरीज के कम आ सके।

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