यूपी: छात्रवृत्ति में करोड़ों का घोटाला, 154 पर केस दर्ज़, कई अधिकारी भी शामिल
इटावा–इटावा के स्कूलों में छात्रवृत्ति के नाम पर बड़ा खेल किया गया है। मामला सामने आने पर आर्थिक अपराध शाखा कानपुर यूनिट ने इटावा के 65 स्कूलों के प्रधानाचार्य व प्रबंधक समेत शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ छात्रवृत्ति घोटाले का मुकदमा दर्ज किया है।
आर्थिक अपराध शाखा, कानपुर ने इटावा में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में कल दो एफआईआर दर्ज करते हुए 154 लोगों को नामजद किया है। यह एफआईआर वर्ष 2008-09 में इटावा में हुए 14.61 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपियों के खिलाफ की गई है। एफआईआर में इटावा की तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, नगर शिक्षा अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के पटल सहायक और 50 से अधिक स्कूलों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
इटावा में शैक्षिक सत्र 2008-09 के दौरान कक्षा 1 से 10 तक के अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ावर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं की अलग अलग स्कूलों में फर्जी संख्या दर्शा कर छात्रवृत्ति घोटाला किए जाने की बात सामने आई थी। इस मामले में 6 मई 2010 को शासन ने ईओडब्ल्यू को जांच सौंपी थी। जांच के दौरान बड़े पैमाने पर इसमें घोटाले की पुष्टि हुई और स्कूलों और विभागीय अधिकारियों ने मिलकर करोड़ों रुपये का बंदरबांट कर लिया।इस मामले में कल आर्थिक अपराध शाखा ने कानपुर सेक्टर थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई। पहली एफआईआर में 14,03,28,474 रुपये के घोटाले का जिक्र है और इसमें 102 लोगों को आरोपी बनाया गया है जबकि दूसरी एफआईआर में 57,76,400 रुपये के घोटाले का जिक्र है और इसमें 52 लोगों को भ्रष्टाचार का आरोपी बनाया गया है। इसमें पहली एफआईआर में इटावा में तैनात रहे तत्कालीन 20 अधिकारियों को नामजद किया गया है।
इसमें 14 सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी शामिल हैं।जिन अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में नामजद किया गया है उसमें जिला समाज कल्याण अधिकारी इंद्रा सिंह, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी अजीत सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी जेपी राजपूत, सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी सियाराम दोहरे, मोहम्मद अल्ताफ, रेखा श्रीवास्तव, नाथू राम दोहरे, बीएन सिंह, ब्रहमपाल सिंह वर्मा, बीएल गोस्वामी, साधव सिंह, ओपी सिंह, राम अवतार शुक्ला, राम मूर्ति सिंह चौहान, नरेश कुमार वर्मा, कैलाश नाथ कन्नौजिया, ओपी त्रिपाठी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पटल सहायक मोहम्मद उबैदुर्रहमान, नगर शिक्षा अधिकारी सरला वर्मा, जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी को नामजद किया गया है।
इसके अलावा 37 स्कूलों के प्रबंधक और प्रधानाचार्यों व अन्य लोगों को नामजद किया गया है। दूसरी एफआईआर में उक्त में से कई अधिकारियों व 27 स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच में पाया कि स्कूल प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों और अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन का आपस में बंदरबांट कर लिया गया। जांच के दौरान सभी स्कूल संचालित पाए गए।