जिला जेल बनी क्रिकेट स्टेडियम, शुरू हुई कैदियों की प्रीमियर लीग…

0 410

उत्तर प्रदेश के बरेली की जिला जेल इन दिनों चर्चा में है. यहां ऐसा पहली बार हुआ कि खामोशियों की जगह जेल की ऊंची दीवारों में तालियों की आवाज बाहर आ रही हो.

ये भी पढ़ें..हमेशा थकी-थकी रहती थी बीवी, राज जानने के लिए पति ने बेडरूम में लगाया कैमरा, सच्चई देख रह गया सन्न…

दरअसल यहां बंदियों में सुधार लाने के लिए रामायण पाठ के अब क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया. जेल में बंद कैदियों के मानसिक तनाव को कम करने के लिए जेल प्रशासन द्वारा कैदियों की प्रीमियर लीग का आयोजन किया जा रहा है. इसका फायदा भी दिखने को मिल रहा है.

क्रिकेट का आनंद ले रहे कैदी

वहीं क्रिकेट टूर्नामेंट के जरिए अधिकांश बंदी इसका भरपूर आनंद ले रहे हैं. जबकि इस आयोजन की स्थानीय लोग भी प्रशंसा कर रहे हैं.

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब खामोशियों की जगह जेल की ऊंची दीवारों से तालियों की आवाज बाहर आ रही हो. रोने की जगह लोग खिलखिला कर तालियां पीटते हुए हंस रहे थे. कुछ बीच-बीच में गानों की धुन पर थिरकने को भी मजबूर हो रहे थे. इस बार जेल में न तो कोई कातिल मिला नहीं कोई बदमाश नजर आ रहा था.

bareilly jail premier league

तनाव दूर करने के लिए हो रहे आयोजन 

दरअसल कैदियों को कोरोना काल में तनाव से दूर रखने के लिए जेल अधीक्षक ने जेल प्रीमियम लीग का आयोजन किया. इसके तहत हर बैरक और अहाते की टीम बनाई गई और रोजाना दो से तीन मैच कराए जा रहे हैं. जिस बैरक का मैच होता है, वहां के सभी बंदी मैदान पर आ जाते हैं.

Related News
1 of 850

अपनी-अपनी टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए तो कभी हूटिंग करते हैं. कभी ताली बजाकर हौंसला बढ़ा रहे हैं. बरेली की जिला जेल सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक क्रिकेट का स्टेडियम बन चुकी होती है.

पुलिसकर्मी बने अम्पायर

bareilly jail: premier league of prisoners

वहीं जेल पुलिसकर्मी मैदान पर अम्पायर बनकर जीत और हार का फैसला करते हैं. जेल अधीक्षक की पहल पर जेल में बंद लोगों के चेहरे पर जो मुस्कुराहट आती है उनके परिवार से मुलाकात की कमी को काफी हद तक पूरा कर देती है.

ये पहला मौका था जब जेल में आरोपी अपराध भूलकर झूमते नाचते दिखाई दे रहे थे. परिवार से मिले हुए महीनों गुजरने के बाद कैदियों के चेहरे पर जो चमक थी, वह किसी दीपावली की रोशनी से कम नहीं थी.

हर तरफ हो रही जेल की तारीफ

वहीं बरेली जेल प्रशासन के इस कदम की तारीफ करते हुए स्थानीय लोगों की मांग है कि इस तरह के कार्यक्रम यूपी भर की जेलों में होने चाहिए ताकि बंदियों को अवसाद से दूर रखा जा सके.

ये भी पढ़ें..पत्नी को गैर मर्द संग आपत्तिजनक स्थिति में देख पति ने उठाया खौकनाक कदम…

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। )

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...