Lockdown से परेशान मजदूर सड़कों पर उतरे, जमकर की तोड़फोड़ आगजनी
सैलरी न मिलने व राशन पानी के पैसे भी खत्म हो जाने के कारण उग्र हुई प्रवासी मजदूर
देश भर में किलर कोरोना जमकर कहर बरपा रहा है। महामारी पर काबू पाने के लिए देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन (lockdown) लागू है। इस बीच गुजरात के सूरत में लॉकडाउन (lockdown) से परेशान सैकड़ों प्रवासी मजदूर शुक्रवार रात उग्र होकर सड़कों पर उतर आए।
ये लोग घर वापस भेजने की व्यवस्था करने की मांग करने लगे। बवाल इतना बढ़ गया कि मजदूरों ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया। हालांकि पुलिस ने आगजनी करने वालों को खदेड़कर स्थिति को अपने काबू में किया।
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दरअसल सूरत में शुक्रवार को अचानक उस वक्त हाहाकार मच गया। जब एक साथ हजारों मजदूर सड़कों पर उतर आए। इस दौरान मजदूरों ने जमकर हंगामा किया और कई गाड़ियों और ठेलों में आग लगा दी।
No they are not Tablighi's, but migrant workers in PM Modi's home state Gujarat asking for permission to go their native states. No screening, No tests. But blame only MUSLIMS to hide your failures! pic.twitter.com/hB3B3igsym
— Salman Nizami (@SalmanNizami_) April 10, 2020
ये है पूरा मामला
बता दें कि शुक्रवार की दोपहर तक सूरत में सब कुछ सामान्य था। लोगों में कोरोना की दहशत और सड़कों पर लॉकडाउन (lockdown) का सन्नाटा पसरा था। लेकिन शाम ढलते ही शहर के लसकाना इलाके की खामोशी शोर शराबे में तब्दील हो गई। इलाके में रह रहे दूसरे राज्यों के सारे मजदूरों ने मोर्चा खोला और घर वापसी की मांग करने लगे।
बताया जा रहा है कि मजदूरों ने शुरुआत में लॉकडाउन का पालन किया और वहीं डटे रहे। लेकिन अब उनका आरोप है कि उन्हें सैलरी नहीं मिल रही है। उनके पास राशन पानी के भी पैसे खत्म हो गए हैं। वहीं, मजदूरों के हंगामे की खबर सुनते ही पुलिस ने मोर्चा संभाला और कई लोगों को हिरासत में लिया, तब जाकर कहीं मामला काबू में आया।
गुजरात में कोरोना के 378 मामले आए सामने
गौरतलब है कि गुजरात में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। पूरे सूबे में अभी तक कोरोना के 378 केस सामने आए हैं, जबकि 19 लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे हालात के बीच सूरत में मजदूरों का हंगामा चिंताजनक है। सरकार को ये तय करना चाहिए उनकी मुश्किलें दूर हों और वो वहीं रहें।
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