भारत सहित पूरा विश्व जहां इन दिनों कोरोना जैसी भयंकर महामारी से जूझ रहा है। वही उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद की आसपुर देवसरा ब्लाक के ग्राम पंचायत मानापुर में यह महामारी प्रधान (pradhan) और रोजगार सेवक के लिए धन उगाही एवं भ्रष्टाचार के लिए वरदान साबित हो रही है।
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दबंग रोजगार सेवक और प्रधान (pradhan) की मिलीभगत से केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश सरकार द्वारा इस महामारी से बचने के लिए और अपने परिवार के भरण पोषण हेतु मनरेगा मजदूरों को सीधे उनके खातों में पैसा भेजा गया। लेकिन वह पैसा जरूरतमंद मजदूरों को मिलता कि उसके पहले ही इस रुपए पर रोजगार सेवक और प्रधान की नजर लग गई।
जहां एक तरफ गांव में ज्यादातर मजदूर अनपढ़ अथवा साक्षर हैं उसका लाभ उठाकर रोजगार सेवक ने उन मजदूरों को बैंक ले जाकर फार्म पर हस्ताक्षर करा कर भेजी गई धन राशि को भरकर निकाल लिया और बदले में उन्हें 50 रुपया देकर उन्हें घर भेज दिया।
बाद में मजदूरों को इस बात की जब जानकारी लगी तो उन्होंने लिखित रूप से जिला अधिकारी प्रतापगढ़ को इसकी सूचना दी है। देखना की सरकार द्वारा भेजी गई रकम मजदूरों को मिलती है या नहीं जबकि अभी पड़ोसी जनपद जौनपुर में प्रधान द्वारा मनरेगा मजदूरों की मजदूरी डकारने पर जिलाधिकारी ने आरोपी प्रधान को तुरंत जेल भेज कर मजदूर को उसकी मजदूरी दिलवाई।
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(रिपोर्टर- मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)