कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में चल रहे लॉकडाउन (lockdown) के कारण घरों में पारिवारिक माहौल बिगड़ने लगा है। लगातार घर में रहने के कारण पति-पत्नी के बीच झगड़े (Fights) बढ़ने लगे हैं। वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग की देशभर में विभिन्न हेल्पलाइन पर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है। जिस पर चिंता जताते हुए एक स्वयंसेवी संस्था इंडिया काउंसिल ऑफ ह्यूमन राइट्स, लिबर्टीज एंड सोशल जस्टिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
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बता दें कि लॉकडाउन (lockdown) के महज 11 दिन में ही घरेलू हिंसा से संबंंधित 92 हजार शिकायतें आई हैं। जिसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने लॉकडाउन में घरेलू हिंसा (Fights) की शिकार महिलाओं को सुरक्षा, उनके लिए अलग से रहने की व्यवस्था और अन्य मदद मुहैया कराने की मांग की है। हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। शुक्रवार को सुनवाई होने की संभावना है।
बच्चों के शोषण के मामले भी बढ़े
यही नहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन (lockdown) में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं। घरेलू हिंसा के मामलों में उछाल आया है। देशभर में बच्चों के शोषण के मामले भी बढ़ रहे हैं। लॉकडाउन ने बच्चों की मदद के नेटवर्क के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। अक्सर बच्चे उनके साथ होने वाले शोषण की जानकारी वे अपने दोस्त, शिक्षक या पुलिस को देते हैं। मगर लॉकडाउन ने उन्हें इन सब से दूर कर दिया है। अब उन्हें मदद नहीं मिल पा रही।
याचिकाकर्ता ने की हेल्पलाइन की मांग
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि लॉकडाउन में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा संबंधी उपाय किए जाएं। अलग से हेल्पलाइन बनाई जाए, जिससे महिला और बच्चों को तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। महिला और बच्चों की काउंसलिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने चाहिए।
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