न्यायिक इतिहास में पहली बारः कोर्ट ने मात्र 11 दिनों की सुनवाई पर दुष्कर्मी को दे दी सजा

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बहराइच–जिले के न्यायिक इतिहास में पहला मुकदमा ऐसा आया है। जिसमें अदालत ने महज 11 दिन की सुनवाई के दौरान सजा सुनाने का काम किया है और ऐसा इसलिये हो पाया की पुलिस ने 98 घंटे के अंदर ही दुराचारी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था ।

दुराचारी को 20 साल की सजा के साथ ही 20 हजार रुपये के अर्थदंड की भी सजा सुनाई है। अर्थदंड से मिलने वाली धनराशि पीड़िता को दी जाएगी। कैसरगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 10 अक्तूबर को एक मासूम बालिका के साथ एक युवक ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। कैसरगंज के प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह के निर्देशन में पुलिस ने विवेचना करते हुए महज 98 घंटे में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के विशेष न्यायाधीश अमित कुमार पांडेय ने मुकदमे की सुनवाई शुरू की।

सुनवाई के दौरान आरोपी को बाल अपराधी घोषित किए जाने का प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिया गया। कोर्ट ने अपराध की प्रकृति और युवक को शारीरिक व मानसिक रूप से अपराध करने में सक्षम पाते हुए उसके प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। जिस पर वह हाईकोर्ट चला गया। लेकिन हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे डीजीसी क्रिमनल संतप्रताप सिंह ने बताया कि अदालत में अलग-अलग दिनांक में मुकदमे की सुनवाई की गई। महज 11 तिथियों के अंदर ही अदालत द्वारा आरोपी को सजा सुना दी गयी।

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पुलिस की तत्परता से एक साल में 13 लोगों न्यायालय ने सुनाई है सजाः

पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया की जिले के अलग अलग थानों की पुलिस की सक्रियता से विगत एक साल में दुराचार व पॉक्सो एक्ट में आरोपी तेरह लोगों को न्यायालय ने सजा सुनाई है ।

(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)

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