कलेक्ट्रेट के बाबुओं ने इस तरह उड़ाई योगी के ईमानदारी के पाठ की धज्जियां..
एटा– सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अधिकारी व इन कर्मचारियों को रिश्वत न लेने को लेकर ईमानदारी का कितना ही पाठ पढ़ाया हो, लेकिन एटा कलेक्ट्रेट के बाबू सुधरने का नाम ही नही ले रहे है ।
मामला एटा जनपद के कलेक्ट्रेट में ठेकेदारों से हैसियत,चरित्र प्रमाणपत्र बनवाने के नाम पर खुले आम रिश्वत लेने से जुड़ा है। कार्यालय में ठेकेदारों के हैसियत प्रमाण पत्र व चरित्र प्रमाणपत्र बनवाने के नाम पर 10 हजार से 20 हजार रुपये प्रति ठेकेदार से हो रही है । लेकिन जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौन बने हुए है । वही पीड़ित ठेकेदारो का आरोप है कि जनपद के वरिष्ठ अधिकारियो की मिली भगत से ये रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है । ये प्रमाणपत्र शराब की दुकानों को लेकर बन रहे थे। पीड़ितों ने आरोप लगाया है अगर ठेकेदारों द्वारा मन मर्जी का पैसा दे दिया तो ही फाइल आगे बढ़ पाएगी । मौटी रकम देते ही फाइल ओके हो जाती है और फाइल को आगे भेज दिया जाता है। वही जब मीडिया ने इस पूरे मामले को अपने कैमरे में कैद कर लिया तब इन कलेक्ट्रेट के रिश्व्त खोर बाबुओं का रिश्व्त कांड का खुलासा हुआ जिससे जनपद के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। और वही इस पूरे मामले पर जिले के वरिष्ठ अधिकारी डीएम,और एडीएम मीडिया से बचते नजर आए।
आपको बता दें प्रदेश सरकार ने इस बार आबकारी नीति बदल दी है। बदली हुई नीति में यह दुकान लेने वाले के लिए आवश्यक कर दिया है कि शराब ठेकेदार जितनी कीमत की दुकान लेगा उतनी ही कीमत की हैसियत होनी चाहिए और उसका चरित्र प्रमाणपत्र होना चाहिए। वही आबकारी विभाग ने 20 फरवरी को विज्ञापन प्रकाशित किया था कि जैसे ही लोगों को यह जानकारी हुई कि हैसियत प्रमाणपत्र की जरूरत है तो हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कलेक्ट्रेट पर भारी भीड़ टूट पड़ी,जिससे कलेक्ट्रेट के बाबुओं की रिश्व्त की दुकान जमकर चल पड़ी। वही एक-एक दिन में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने आवेदन किया और आवेदनों की सख्या देखकर भारी अवैध वसूली की भी तेजी से शिकायते आने लगी।
(रिपोर्ट-आर. बी .द्विवेदी, एटा)