Corona virus: जरा पत्रकारों (reporter) की सुरक्षा पर भी विचार कीजिए साहब !!
लखनऊ–कोरोना (Corona virus) वायरस की रोकथाम के लिए देश की जनता अपने घरों में रह कर कोरोना वायरस को हराने के लिए युद्ध कर रही है । पत्रकार (reporter) बिना किसी सुरक्षा कवच के जिस तरह से सड़कों पर घूमघूम कर भूखे प्यासे रह कर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहे है ।
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लेकिन घातक कोरोना वायरस Corona virus से देश की जनता को बचाने के लिए डॉक्टर, पुलिस, सफाई कर्मचारी खतरों के बीच संघर्ष कर रहे है।
कोरोना वायरस Corona virus से सम्बंधित पल पल की खबरों को जनता तक पहुचाने और जनता को जागरूक करने के लिए पत्रकार (reporter) बिना किसी सुरक्षा कवच के जिस तरह से सड़कों पर घूमघूम कर भूखे प्यासे रह कर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहे है वो भी अपने आपमे जान को जोखिम में डालने वाली ज़िमेदारी निभाने की एक नज़ीर है।
लेकिन यहां अफसोस कि बात ये है कि कोरोना वायरस Corona virus के खतरे के बीच अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने वाले डॉक्टर,पुलिस व नगर निगम के कर्मियों को सरकार द्वारा तो सुविधाए दी जा रही है लेकिन संसाधन विहीन पत्रकारों को कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए सरकार द्वारा न तो सेनेटाइजर, मास्क ही उपलब्ध कराए गए और न ही उनके व उनके परिवार के लिए कोई सुरक्षा बीमा ही किया गया और न ही खाद्य सामग्री ही उपलब्ध कराए जाने की अभी तक सरकार द्वारा कोई घोषणा की गई है।
पत्रकार उस स्थान के आसपास भी जा रहे है जहां कोरोना के मरीज़ों का इलाज हो रहा है पत्रकार (reporter) लोगो को जागरूक करने के लिए गन्दी बस्तियों में भी जा रहा है और बन्द बाज़ार के बीच सूनी सड़को पर भी भूखा प्यासा मेहनत कर पल पल की खबरे देश की जनता तक पहुचा रहे है।
संसाधन विहीन कम वेतन में अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाहन करने वाले पत्रकारों की सुविधाओं और सुरक्षा के बारे भी सरकार को विचार करना चाहिए।
संसाधन विहीन असुरक्षित होकर अपनी ज़िम्मेदारी का पूरी तरह से निर्वाहन कर रहे पत्रकार (reporter) भी इंसान है उनके भी परिवार है। पत्रकारों (reporter) की सुरक्षा पर भी विचार कीजिए साहब।