कानूनी सेवाओं और न्याय तक पहुंच के लिए हुई परामर्श बैठक

0 31

लखनऊ–सामाजिक संस्था अमलतास एवं पैरवी के तत्वाधान में कानूनी सेवाओं और न्याय तक पहुंच विषय पर गोमती होटल, लखनऊ में एक परामर्श बैठक किया गया।

जिसमें कानूनी सेवाओं और न्याय तक लोगों की असान और सरलतम पहुंच कैसे सुनिश्चित हो, इस पर व्यापक चर्चा की गई। आजादी के बाद जब भारत का संविधान लागू किया गया, जिसमे सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के एक समान अधिकार प्रदान किये गए। अनुच्छेद 14 में विधि के समक्ष समता का अधिकार दिया गया, जिसके अनुसार राज्य सभी व्यक्तियों के लिए एक समान कानून बनाएगा तथा उन पर एक समान लागू करेगा, लेकिन भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में जहाँ अमीरी व गरीबी की एक चौड़ी खाई है, वहां उक्त अधिकार सभी को एक समान उपलब्ध कराने के लिए हमारे सामने एक कठिन चुनौती है।

Related News
1 of 449

हमारी न्याय प्रणाली के सामने सस्ता व त्वरित न्याय सभी को उपलब्ध कराना एक बड़ी समस्या है। हमारे देश में आज भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति व अन्य गरीब समुदाय के लिए न्याय पाना बहुत ही मुश्किल भरा काम है। जब हमारे न्यायालयों के समक्ष मुकदमों का अम्बार लगा हो। ऐसी स्थिति में जो लोग निरक्षर और निर्धन है या कमजोर तबके से ताल्लुक रखते है, उनको सस्ता व त्वरित न्याय उपलब्ध कराना एक सभ्य समाज का बुनियादी कर्तव्य है।

एडवोकेट वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सभी नागरिकों को न्याय मिल सके, आर्थिक विपन्नता के चलते या किसी अन्य अयोग्यता के कारण कोई नागरिक न्याय पाने से वंचित न रह जाये, इसलिए ज़रूरी है कि विधिक सेवा प्राधिकरण और सशक्त हो।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...