लल्लू की गिरफ्तारी पर कांग्रेसियो ने किया विरोध
उभ्भा नरसंहार की पहली बरसी की पूर्व सन्ध्या पर श्रद्धांजलि देने जा रहे थे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू
सोनभद्र में आज उम्भा में हुए 11 आदिवासियों के नर संहार के पुण्यतिथि के पूर्व संध्या पर मृतक परिजनों से मुलाकात करने व श्रधांजलि देने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी जा रहे थे , जिनको रास्ते मे ही गिरफ्तार कर लिए गया और कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामराज सिंह गोंड को भी उभ्भा गांव से जिला प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया।
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लल्लू की गिरफ्तार के बाद आक्रोशित कांग्रेसी…
जिससे सोनभद्र के आक्रोशित कांग्रेसजनों ने जिला कार्यालय पर इकट्ठा हो गए। जिला प्रशासन ने कांग्रेस कार्यालय को छावनी में तब्दील कर भारी पुलिस फोर्स लगा दी। जिसके विरोध में कांग्रेस के लोग कार्यालय के बाहर निकल कर प्रदेश सरकार व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तत्काल प्रदेश अध्यक्ष,जिलाध्यक्ष समेत अन्य नेताओं के रिहाई की मांग करते हुए वही धरना पर बैठ गए।
प्रशासन के हाथ पांव फूले…
जिससे कि प्रशासन के हाथ पांव फूल गए फिर भी कांग्रेस के लोग अपने नेताओ की रिहाई की मांग करते हुए लोकतांत्रिक तरीके से बढ़ौली चौराहा स्थित जिला कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया। जिला प्रशासन ने कांग्रेसजनो को जिला कार्यालय में ही नजरबंद कर दिया।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व प्रदेश सचिव ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि 17 जुलाई को 2019 में उभ्भा गांव में हुई घटना के एक वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पांच लोगों के साथ श्रद्धांजलि देने जाते लेकिन उन्हें गोपीगंज में गिरफ्तार कर लिया गया।
कांग्रेसियों की इच्छा थी कि साल भर बीत चुका है सरकार ने पीड़ित परिवार को क्या सुविधाएं उपलब्ध करायी है , इसके साथ ही उनके दुःख दर्द को बांटा जाता । पुलिस ने जिलाध्यक्ष को भी उनके गांव उभ्भा से गिरफ्तार कर लिया है। यह लोकतंत्र की हत्या है पुलिस के दम पर दमन नही चलेगा हम कांग्रेस के लोग अपने नेतावों के रिहाई तक नही मानेंगे।
पिछले साल हुआ था उभ्भा नरसंहार…
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में 17 जुलाई को सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई 11 आदिवासियो की हत्या ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया था । दरअसल आदर्श सोसाइटी की लगभग हजार बीघा जमीन पर आदिवासियों द्वारा जोत कोड किया जाता था लेकिन सोसाइटी के लोगो द्वारा आदिवासियों के कब्जे की लगभग 200 बीघा जमीन ग्राम प्रधान मूर्तिया को बैनामा कर दिया गया था।
उस विवादित जमीन पर ग्राम प्रधान अपने समर्थकों के साथ 32 ट्रैक्टर लेकर कब्जा करने 17 जुलाई 2019 को गया था। जहां आदिवासियों और ग्राम प्रधान समर्थकों के बीच विवाद बढ़ गया जिसमे चली गोली और लाठी डंडे से 11 आदिवासियों मौत हो गयी तथा दोनो पक्षों से 28 लोग घायल हुए थे। इस घटना ने प्रदेश सरकार को हिला दिया और प्रियंका गांधी ने आदिवासियों को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ने के लिए उभ्भा गांव का दौरा भी किया।
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(रिपोर्ट- रविदेव पाण्डेय, सोेनभद्र)