कानपुर: BSA पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, शासनादेश के बिना ही करा दिए शिक्षकों के ट्रांसफर

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कानपुर देहात–यूपी की योगी सरकार ने सत्ता में आते ही उत्तर प्रदेश से भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कही थी, लेकिन सरकार भ्रष्टाचार पर नकेल कस पाने में विफल होती नजर आ रही है। 

कानपुर देहात की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संगीता सिंह और ऑफिस में बाबू के पद पर तैनात शंकरलाल पर इन दिनों जमकर भ्रष्टाचार करने के आरोप लग रहे है। 

दरअसल शासन ने जनपद में शिक्षकों का पारस्परिक समायोजन करने के लिये निर्देश दिये थे। पारस्परिक का मतलब आपस में एक दूसरे का सहयोग करते हुए ज्यादा बच्चों की संख्या वाले स्कूल में जाकर पढ़ाने के लिये उनका समायोजन किया जाना था लेकिन जिले की बीएसए संगीता सिंह ने ऑफिस के बाबुओं के साथ मिलकर ऐसा खेल किया कि बिना शासनादेश शिक्षकों के ट्रांसफर ही कर दिए। बिना शासनादेश कुछ माह पहले 23 शिक्षकों का और खण्ड शिक्षा ऑफिस के सभी 10 लिपिकों का अपनी मर्जी के हिसाब से ट्रांसफर कर दिया गया। जिसने जहाँ चाहा वहॉ पोस्टिंग करायी। तैनाती पाने के लिये अच्छी खासी रकम दी गयी। इस पूरे ट्रांसफर प्रक्रिया में ऑफिस के बाबूओ शंकर लाल, अनुराग ने बीएसए का साथ दिया और जमकर भ्रष्टाचार किया। 

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वही जब इस तरह भ्र्ष्टाचार करने की जानकारी जिले के समाजसेवी संजय दीक्षित को हुई तो उन्होंने RTI डालकर इसकी जानकारी बीएसए से करनी चाही तो उन्हें किसी भी प्रकार की जानकारी नही दी गयी। जब इसी ऑफिस में तैनात एक बाबू शुक्ला को इस भ्रष्टाचार की भनक लगी तो उस बाबू ने बीएसए द्वारा 23 शिक्षक और 10 लिपिकों का बिना शासनादेश ट्रांसफर करने की शिकायत शासन में की तो कमिश्नर साहब ने इस प्रक्रिया को गलत मान बिना शासनादेश गलत ढंग से किये गए ट्रांसफर पर कुछ खास कार्यवाही न करते हुए सिर्फ ट्रांसफर प्रक्रिया पर रोक लगा दी।  

बीएसए ऑफिस के बाबू शुक्ला की माने तो शिक्षकों के पारस्परिक समायोजन और ऑफिस में तैनात लिपिकों के पटल चेंज किये जाने के निर्देश शासन से आये थे लेकिन बिना शासनादेश लिपिकों और शिक्षकों के ट्रांसफर में भ्रष्टाचार किया गया है। 

बीएसए की कार्यशैली से तंग एक शिक्षक परिवार कई दिनों से बीएसए ऑफिस के चक्कर काट रहा है और जान माल की सुरक्षा के लिये गुहार लगा रहा है लेकिन जिले की बीएसए अपनी तानाशाह रवैये के चलते कोई ध्यान नही दे रही है। अकबरपुर रनियां विधायिका प्रतिभा शुक्ला का आदेश कराने के बाद भी बीएसए ने नही सुनी। 

वही जब इस मामले पर जनपद के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह से बात की गयी तो जिलाधिकारी ने बताया कि समाचार पत्रों के माध्यम जानकारी आयी है कि बीएसए द्वारा बिना शासनादेश कुछ ट्रांसफर किये गए है मेरे द्वारा इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा , उस पर कार्यवाही होगी।  इस मामले पर जिले की बीएसए संगीता सिंह से पूछा गया तो कैमरे के सामने छिपती नजर आयी और कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। 

(रिपोर्ट- गौरव चंदेल, कानपुर देहात )

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