अधिवक्ता ने ओवैसी पर दर्ज कराया देशद्रोह का परिवाद

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फर्रुखाबाद–देश के अभिन्न अंग जम्मू कश्मीर से भाजपा सरकार द्वारा धारा 370 के 35(a)को हटाने के विरोध में हैदराबाद लोकसभा से सांसद असदुद्दीन ओवैसी पुत्र सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस प्रकार के भाषण दे रहे है जिससे देश की गंगा जमुनी तहजीब को बहुत बड़ा खतरा है। 

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अधिवक्ता विलाल गौस खान ने कहा कि जबकि भाजपा सरकार ने 70 सालों की बीमारी को खत्म किया है।जिससे कश्मीरी लोग मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे।ओवैसी ने अपने बयान में कहा कि कश्मीरी लोग अचानक रिएक्ट नही करते। 1987 में चुनावो में धांधली का 2 साल बाद बदला लिया था।अब यही होने वाला है।यह लोग बाजा बजायेंगे हनीमून मनेगा और 56 इंच का सीना कुछ भी नही कर पायेगा।सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा एक रैली को संबोधित करते हुए यह उक्त बयान  कश्मीर में वर्ष 1987 में तथाकथित चुनाव में धांधली के बाद वर्ष 1989-90 में आतंकी संगठनों द्वारा किये गए साम्प्रदायिक हमले एवं कश्मीरी पंडितों के नरसंहार तथा उनकी महिलाओ के साथ बलात्कार करने की घटनाओं की पुनरावृत्ति कराने की सीधी धमकी है।उन्होंने कहा कि ओवैसी देश  में धार्मिक भावनाओं को भड़काकर देश का माहौल बिगाड़ने एवं दुश्मन देश के नापाक मंसूबो में उसका साथ देने की नीयत से दिया गया है, जो कि राजद्रोह है।ओवैसी देश की अखंडता और एकता के खिलाफ है।इस प्रकार के बयान देश की सुरक्षा को खतरा पैदा कर सकता है।

ओवैसी के देश विरोधी बयान की शिकायत कायमगंज कोतवाली में की गई उसके बाद डाक द्वारा एसपी को भी प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई तो परेशान होकर सीजेएम न्यायालय में 156(3) सीआरपीसी के अंतर्गत प्रार्थना पत्र दिया है।जिससे देश द्रोही बयान वाजी करने वाले हैदराबाद के सांसद ओवैसी पर मुकदमा दर्ज हो सके।

(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)

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