दिल्ली–सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पिछले 17 नवंबर को रिटायर हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली संवैधानिक खंडपीठ ने ही पिछले 9 नवंबर को अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
फैसले के हफ्ते दिन बाद ही उनका कार्यकाल समाप्त हो गया और वे सेवा से रिटायर हो गए। इसके बाद उन्होंने कुछ ऐसा किया कि अब उनकी जमकर सराहना हो रही है। दरअसल उन्हें चीफ जस्टिस के तौर पर नई दिल्ली के 5 कृष्ण मेनन मार्ग पर सरकारी बंगला मिला हुआ था, जहां तय प्रावधानों के मुताबिक वह रिटायरमेंट के एक महीने बाद तक रह सकते थे। लेकिन, उन्होंने अंतिम तारीख का इंतजार नहीं किया और फौरन आवास खाली करके एक मिसाल पेश की है। जस्टिस गोगोई पिछले साल 3 अक्टूबर को चीफ जस्टिस बने थे।
नई दिल्ली के लुटियंस जोन स्थित 5 कृष्ण मेनन मार्ग वाला बंगला खाली करने के बाद बुधवार को वे गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए। वह सुबह-सुबह ही वहां अपनी पत्नी और बेटे के साथ लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच गए। एयरपोर्ट से वे सीधे गुवाहाटी के गीतानगर इलाके में स्थित अपने आवास की ओर प्रस्थान कर गए। रिटायरमेंट के बाद वह गुहावाटी के इसी आवास में रहेंगे। भारत के पूर्व चीफ जस्टिस को यह आवास गुवाहाटी हाई कोर्ट की ओर से उपलब्ध कराया गया है।
बता दें जस्टिस गोगोई से पहले पूर्व सीजेआई जेएस खेहर ने भी सेवा समाप्ति के एक हफ्ते बाद ही आधिकारिक बंगला छोड़ दिया था।