चीन से तनातनी, रक्षा मंत्रालय ने मंगाई बीएमपी गाड़ियों की खेप, जानें खासियत

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नई दिल्ली– China से तनातनी के बीच खबर है कि रक्षा मंत्रालय ने थलसेना के लिए 156 बीएमबी गाड़ियों का ऑर्डर दिया है. थलसेना की मैकेनाइज्ड-इंफेंट्री के लिए इन खास गाड़ियों का ऑर्डर सरकारी संस्थान, ओएबी को दिया गया है.

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आपको बता दें कि शुक्रवार को ही China का एक प्रोपेगेंडा वीडियो सामने आया था, जिसमें चीन के सैनिकों का काफिला दौड़ रहा है. इस काफिले में चीन के हल्के-टैंकों के साथ साथ ऐसी ही स्ट्राईकर-गाडियां दिखाई पड़ रही हैं.

बोयेवा मसीना पिखोटी भी कहा जाता है-

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के प्रवक्ता ने अपने ट्वीटर एकाउंट से पोस्ट कर जानकारी दी है कि रक्षा मंत्रालय ने 156 बीएमपी गाड़ियों लेने की मंजूरी दे दी है. ये बीएमपी गाड़ियां ओएफबी के मेंढक प्लांट (तेलांगाना) से थलसेना के लिए जाएंगे. दरअसल, ये बीएमपी, रूसी नाम है जिसे बोयेवा मसीना पिखोटी भी कहा जाता है. इन बीएमपी गाड़ियों को आईसीवी यानि इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल या फिर स्ट्राईकर-व्हीकल के नाम से भी जाना जाता है.

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इन बीएमबी या आईसीवी या फिर स्ट्राईकर-व्हीकल्स का इस्तेमाल इंफेंट्री (पैदल) सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह तेजी से ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. China सेना में क्योंकि इंफेंट्री रेजीमेंट यानि पैदल सैनिकों की रेजीमेंट नहीं है, इसलिए वहां सैनिक इन्हीं स्ट्राइकर गाड़ियों का एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. यही वजह है कि चीनी सेना में मैकेनाइज्ड-इंफेंट्री रेजीमेंट है. अमेरिकी सेना में इन्हें स्ट्राईकर रेजीमेंट कहा जाता है.

आठ-दस सैनिक आराम से बैठ सकते हैं-

भारतीय सेना में मैकेनाइज्ड-इंफेंट्री रेजीमेंट है लेकिन उनकी संख्या इंफेंट्री रेजीमेंट से कम है. लेकिन चीन सेना की तर्ज पर अब भारतीय सेना भी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इस तरह की मैकेनाइज्ड रेजीमेंट्स को तैनात कर रही है, ताकि China की मैकेनाइज्ड या स्ट्राईकर-गाड़ियों का मुकाबला किया जा सके. इन बीएमबी गाड़ियों में आठ-दस सैनिक आराम से बैठ सकते हैं.

ओएफबी मेंढक इन बीएमबी गाड़ियों को रूस से लाईसेंस लेकर तैयार करता है. भारतीय सेना के पास इस समय करीब ढाई हजार बीएमबी गाडियां हैं. जिन्हें ‘सारथ’के नाम से जाना जाता है. इन बीएमपी में मशीन-गन और एटीजीएम यानि एंटी-टैंक गाईडेड मिसाइल लगी होती हैं, ताकि दुश्मन के लाइट-टैंकों को नेस्तानबूत किया जा सके. मशीन-गन का इस्तेमाल दुश्मन के सैनिकों को धराशायी करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. बीएमपी में एक छोटी तोप लगी होती है, जो एंटी-एयरक्राफ्ट गन की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है.

नाइट विजन डिवाइस भी लगा हुआ है-

सारथ में नाइट विजन डिवाइस भी लगा हुआ है. जिसके कारण युद्ध के मैदान में रात में भी सैनिक दुश्मन पर वार कर सकते हैं. इन गाड़ियों में बैठकर सैनिक आराम से किसी भी नदी-नाले को आसानी से पार कर सकते हैं.

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