बाल दिवस विशेष : 11 साल का मासूम निभा रहा है सारी जिम्मेदारियां
न्यूज़ डेस्क — देश में आज जहाँ एक ओर सभी लोग अपने बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दे रहे हैं ; वहीँ एक बच्चे की कहानी इतनी मार्मिक है कि सुनते ही लोगों की ऑंखें नम हो जाती हैं। 11 साल के नीतीश ने अपने बचपन को परिवार की जिम्मेदारियों के लिए न्यौछावर कर दिया है।
किस्मत ने इस मासूम के साथ कुछ ऐसा खेल खेला कि अररिया शहर के गोढ़ी टोला निवासी 11 वर्षीय नीतीश के पैदा होते ही उसके पिता छोड़ गये। अब नीतीश पर अपनी मां एक छोटी बहन और नानी की जिम्मेदारी है। नीतीश रोज सुबह और शाम अररिया बस स्टैंड में मछली की दूकान में काम करता है।रोजाना 100 रुपये मिलते है जिससे वह बीमार बहन और परिवार का भरण पोषण करता है।
नीतीश के पिता गजेन्द्र बहरदार घर छोड़ लुधियाना में बस गया और अब तक 4 शादियां कर चुका है। नीतीश की मां नीरो देवी अब अपने पति का नाम भी नहीं लेना चाहती है। नीरो देवी दूसरे के घरों में अब बर्तन मांजती है। नीतीश के मासूम मन को कुछ भी याद नहीं बस वह दिन रात काम करता रहता है।
नीतीश पिछले वर्ष तक पढ़ाई करता था लेकिन जिम्मेदारियों के बोझ ने उसके पीठ से बस्ते का बोझ छीन लिया है। ऐसे में दोष किसे दिया जाए, उसके पिता को या फिर उस समाज को जिसने कभी उसे सहारा नहीं दिया।