असम सरकार द्वारा ‘बाल विवाह’ (Child-Marriage) के खिलाफ उठाए गए सख्त कदम के बाद राज्य में राजनीति गरमा गई है. असम सरकार का साफ मानना है कि बाल विवाह कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा के निर्देश पर करीब 4 हजार से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. वहीं शुक्रवार शाम तक 2 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
इसके बाद कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार बाल विवाह (Child-Marriage) के खिलाफ कार्रवाई करे वो ठीक है, लेकिन इस कानून की आड़ में 7 साल पहले शादीशुदा जोड़े…जो अब एडल्ट हो गए हैं…. उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. यह गलत है.
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1800 से अधिक गिरफ्तार
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके कहा कि बाल विवाह कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है. उन्होंने ट्वीट में कहा है, “बाल विवाह अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ राज्यव्यापी गिरफ्तारी का अभियान चल रहा है. अब तक 1800 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मैंने असम पुलिस को महिलाओं के खिलाफ हो रहे अक्षम्य और जघन्य अपराधों के लिए जीरो टॉलरेंस के साथ कार्रवाई करने के लिए कहा है.”
400 से ज्यादा मामले दर्ज
इससे पहले सीएम ने कहा था कि राज्य सरकार बाल विवाह को लेकर कड़े कदम उठाएगी. हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके कहा था, “असम सरकार राज्य में बाल विवाह के खतरे को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. असम पुलिस ने अब तक राज्य भर में 4004 मामले दर्ज किए हैं. आने वाले दिनों में और अधिक मामले सामने जा सकते हैं. इन मामलों पर कार्रवाई 3 फरवरी से शुरू होगी. मैं सभी से सहयोग करने का अनुरोध करता हूं.”
असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर बहुत ज्यादा
दरअसल, हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके अनुसार, असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर बहुत अधिक है. इसके लिए बाल विवाह को जिम्मेदार ठहराया जाता है. इसके बाद से ही असम सरकार ने बाल विवाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. इस आदेश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 4004 मामले दर्ज किए. इसमें से धुबरी जिले में 370, होजई में 255 व उदालगुड़ी 235 तथा मोरीगांव में 224 मामले दर्ज किए गए हैं.
पुलिस क निशाने पर काजी, मुल्ला, काजी और पुजारी
मुख्यमंत्री हिमांता ने कहा था कि शुक्रवार (3 फरवरी, 2023) से हमारी गिरफ्तारी और कार्रवाई शुरू होगी. इसके बाद आज सुबह से ही कार्रवाई शुरू हो गई है. अब तक 2 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. यह एक बड़ी कार्रवाई साबित होने जा रही है, जिसमें पिछले सात सालों में बाल विवाह में शामिल सभी लोगों पर मामला दर्ज किया गया. सीएम ने एक बयान में कहा था कि हमारा मुख्य टारगेट मुल्ला, काजी या पुजारी होंगे जो इन विवाहों को बढ़ावा देते हैं.
14-18 साल की लड़कियों शादी निषेध
सीएम सरमा ने 23 जनवरी को ऐलान करते हुए कहा था कि असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ एक राज्यव्यापी अभियान शुरू करेगी. इसमें 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. वहीं, 14-18 साल की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज होगा.
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