Chhath Puja 2024: छठ पूजा के पहले दिन यमुना के जहरीले पानी में डुबकी लगाने को मजबूर महिलाएं

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Chhath Puja 2024: सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व छठ आज देशभर में नहाय-खाय ( nahay khay) के साथ शुरू हो गया। देश की राजधानी दिल्ली में श्रद्धालुओं को लोक आस्था के इस पर्व को मनाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छठ के पहले दिन दिल्ली के कालिंदी कुंज में यमुना नदी में गंदे पानी से बने झाग के बीच स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का दृश्य बेहद भयावह था।

Chhath Puja 2024: सामने आई यमुना की तस्वीरें

दरअसल, यमुना नदी छठ घाटों (Chhath Puja 2024) पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना और पवित्र स्नान के लिए एकत्र हुए थे। हालांकि, नदी की सतह पर तैर रहे जहरीले झाग के कारण उनकी भक्ति फीकी पड़ गई, जो यमुना के प्रदूषित होने का नतीजा है। यमुना की इस दयनीय स्थिति की तस्वीरें सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार को फटकार लगाना शुरू कर दिया है।

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच यमुना नदी के कुछ हिस्से खासकर कालिंदी कुंज के आसपास मोटे झाग से ढके हुए दिखाई दिए। हर साल छठ पूजा के अवसर पर श्रद्धालु यमुना के तट पर पवित्र स्नान करने और पारंपरिक पूजा के हिस्से के रूप में प्रार्थना करने के लिए एकत्र होते हैं। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच यमुना नदी के कुछ हिस्सों खासकर कालिंदी कुंज के आसपास घने झाग से ढके हुए देखे गए।

यमुना नदी की हालत देख भड़के लोग

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यमुना नदी में स्नान करने आई एक श्रद्धालुओं ने बताया, “मुझे यमुना नदी बहुत पसंद है और मैं छठ व्रत पर स्नान करने के लिए यहां आई हूं, लेकिन, नदी की स्थिति बहुत खराब है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण लगता है।” उन्होंने कहा, “सरकार को उस नदी की स्थिति के बारे में सोचना चाहिए जिसकी हम श्रद्धा से पूजा करते हैं। यह शर्मनाक है कि जिस पानी में हमें स्नान करना पड़ता है वह प्रदूषित है।” एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “आज नहाय-खाय है, हमारी छठ पूजा का पहला दिन। मैं बस सरकार से यमुना नदी को साफ करने का अनुरोध करना चाहती हूं।”

तैर रहा यमुना में जहरीला झाग

उल्लेखनीय है कि छठ पूजा के दौरान यमुना में बार-बार दिखने वाला जहरीला झाग पानी की गुणवत्ता और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है। हानिकारक रसायनों, डिटर्जेंट और औद्योगिक और घरेलू कचरे से होने वाले प्रदूषण के कारण नदी में झाग बनता है।


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