Chandra Grahan 2022: इस दिन लगेगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण, जानें समय और सूतक काल

0 215

पिछले सप्ताह 25 अक्टूबर को देश-दुनिया में सूर्य ग्रहण 2022 (Surya Grahan 2022) लगा था और अब चंद्र ग्रहण 2022 (chandra-grahan) की तैयारी शुरू हो गई है। देश-दुनिया के खगोलशास्त्रियों, पुजारियों और ज्योतिषियों के साथ आम लोगों में भी चंद्र ग्रहण को लेकर अभी से खासा उत्साह है।

कब लगेगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण?

दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में साल का अंतिम चंद्र ग्रहण (chandra-grahan) अगले सप्ताह लगेगा। चंद्र ग्रहण लगने की तारीख होगी 8 नवंबर और दिन होगा मंगलवार। यह ग्रहण शाम को 5 बजे के बाद लगेगा। मिली जानकारी के अनुसार, साल का दूसरी और अंतिम चंद्र ग्रहण 2022 मंगलवार (8 नवंबर) को लगेगा और यह कुल 1 घंटा और 95 मिनट का होगा।

ये भी पढ़ें..IND v BAN T20WC: टीम इंडिया ने बांग्लादेश के जबड़े से छीनी जीत, एक थ्रो ने पलटा मैच

खगोल शास्त्रियों के मुताबिक, वर्ष 2022 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण देश में 8 नवंबर को शाम 5 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और रात 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इस तरह साल के अंतिम चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 95 मिनट होगी।

चंद्र ग्रहण पर क्या लगेगा सूतक काल

Related News
1 of 1,611

देश-दुनिया के खगोलशास्त्रियों के अनुसार, चंद्र ग्रहण या फिर सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है। चंद्र ग्रहण वह खगोलीय स्थिति है, जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों, तभी यह खगोलीय घटना होती है। इस ज्यामितीय प्रतिबंध के के चलते चंद्र ग्रहम सिर्फ पूर्णिमा को घटित हो सकता है।

खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, 25 अक्टूबर को लगे सूर्य ग्रहण की तरह ही 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण भी दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में दिखाई देगा। ज्योषितियों और पुजारियों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में भी चंद्र ग्रहण के सूतक काल भी मान्य होगा। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के करीब 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। इस लिहाज से 8 नवंबर को 8 बजे के बाद से ही सूतक काल मान्य होगा।

सूतक काल के दौरान क्या न करें

सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं। इस दौरान मंदिर के भीतर पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन वर्जित होता है।वहीं, चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही मंदिरों के कपाट खोल दिए जाते हैं, लेकिन मंदिर की पूरी तरह से सफाई की जाती है। इसके साथ ही मूर्तियों को भी धोया-पोछा जाता है। सूतक काल और ग्रहण काल के दौरान भजन कीर्तन करना चाहिए। चाहें आप घर में हों या बाहर कहीं अन्य स्थान पर।

ये भी पढ़ें..शिक्षक ने साथियों के साथ मिलकर नाबालिग छात्रा के साथ किया दुष्कर्म, दी जान से मारने की धमकी

ये भी पढ़ें..लखनऊ के लूलू मॉल में नमाज पढ़ने का Video वायरल, हिंदू संगठन ने दी धमकी

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...