श्रमिक से सीधे बना ड्राफ्टमैन, फाइलों की जांच शुरू, कइयों का होगा पर्दाफाश
लखनऊ–लेसा सिस गोमती के सेस एक डिवीजन में श्रमिक से सीधे ड्राफ्टमैन बने चक्रदेव सिंह की फाइलों को खंगालना शुरू करा दिया गया है। फाइलों को डिवीजन के अधिशासी अभियंता संदीप तिवारी को निकालने के लिए सर्किल अधिकारी डीके त्रिपाठी ने निर्देशित किया है।
डीके त्रिपाठी ने बताया कि अधिशासी अभियंता से फालनों को निकालकर सभी जानकारियों को जुटाने के लिए बोल दिया गया है। वहीं इस मामले में मध्यांचल निगम के निर्देशक एससी झा ने बताया कि यदि पदोन्नति में खेल हुआ है तो कार्रवाई होगी। उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया श्रमिक का प्रमोशन सर्किल और डिवीजन स्तर से होता है।
आपको बता दें कि लेसा में नियमों को ताक पर रखकर काम कर या करवा दिए जाते हैं। ट्रांसर्फर, पोस्टिंग का खेल हो या पदोन्नति की। जिसकी पकड़ है, वह नियमों के विपरीत जाकर, लेकर—देकर या पॉव लगी करके अपनी प्रोन्नति करा लेता है। लेसा के सिस गोमती के सेस एक में चक्रदेव सिंह को श्रमिक के पद से सीधे ड्राफ्टमैन बना दिया गया। वो भी कई वर्षो में नहीं मात्र तीन सालों में।
गौरतलब है कि चक्रदेव की श्रमिक के पद पर तैनाती 2009 में पिता के मौत के बाद हुई। जिसके बाद चक्रदेव ने अधिकारियों के घरो के आगे पीछे घूम और उनकी आवभगत करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में वह अधिकारियों का बहुत ही खास हो गया। जिसके बाद एमडी के स्टाफ आफिसर्स की तैनाती पाने के बाद वहां के तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने श्रमिक से सीधे ड्राफ्टमैन बना दिया। जबकि नियमों की माने तो श्रमिक के बाद कुशल श्रमिक इसके बाद कार्यालय सहायक या संघटक के पद पर तैनाती होती है, लेकिन उस दौर के तत्कालीन स्टाफ आफिसर्स ने उच्चाधिकारियों पर दबाव डलवाकर उसे सीधे ड्राफ्टमैन बना दिया गया। चक्रदेव तो सिर्फ बानगी भर है। इसी तरह से करीब एक दर्जन कर्मचारियों का नियमों के खिलाफ जाकर प्रमोशन हुआ है।