बिहार के 13 करोड़ लोगों का टूटा सपना, मोदी सरकार ने CM नीतीश की बड़ी मांग को ठुकराया
Bihar Special Status, नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो चुका। बजट सत्र के पहले दिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठी। हालांकि केंद्र ने बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग खारिज कर दी है। इसी के साथ ही बिहार के 13 करोड़ लोगों का सपना चकनाचूर हो गया है। सीएम नीतीश कुमार, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, निर्दलीय सांसद पप्पू यादव और राज्य के सभी दलों के नेता बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता।
लंबे समय से की जा रही मांग
दरअसल केंद्र सरकार ने मौजूदा प्रावधानों का हवाला देते हुए बिहार को विशेष राज्य (Bihar Special Status) का दर्जा देने की संभावना से इनकार किया है। लोकसभा में सरकार ने कहा कि मौजूदा प्रावधानों में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है।
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद बिहार के सत्ताधारी दलों में निराशा देखी जा सकती है, जो लगातार बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। दरअसल, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे समय से चल रही है। स्थानीय नेताओं का तर्क है कि राज्य के विकास के लिए यह जरूरी है। हालांकि, केंद्र सरकार के रवैये ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
कल पेश होगा बजट
आपको बता दें कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को पेश किया जाएगा। इससे पहले सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सोमवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है, जो दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में भी अच्छा प्रदर्शन करेगी।
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