अब निर्माण के बाद बचा मलबा एक फोन कॉल पर साफ होगा, यह है नंबर

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नोएडा में अब घर या कंपनी आदि के निर्माण से निकलने वाले मलबे का उपयोग किया जाएगा। इससे इन्टरलॉकिंग टाईल्स, पेवर ब्लॉक और ब्रिक्स का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए सोमवार को सेक्टर-80 के सी ब्लॉक में स्थित कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का शुभारंभ हो गया है।

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इस प्लांट का शुभारंभ सोमवार को नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी, गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा और नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने किया। इतना ही नहीं अब शहर के लोग महज एक फोन कॉल के जरिए कंस्ट्रक्शन वेस्ट हटवा सकते हैं।

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नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस प्लांट की क्षमता 300 मीट्रिक टन रोजाना है। इस प्लांट का संचालन रैमकी रीलामेशन एंड रीसाइकिलिंग लिमिटेड कंपनी करेगी। कंपनी ने यह प्लांट 22.50 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है। इसे बनाने में एक साल का वक्त लगा है। नोएडा प्राधिकरण ने इस कंपनी के साथ 15 साल के लिए करार किया है। अधिकारियों ने बताया कि नोएडा के सम्पूर्ण अपशिष्ट निर्माण सामग्रियों का वैज्ञानिक पद्धति से पुनर्चक्र करते हुए बहुउपयोगी वस्तुओं में परिवर्तित किया जाएगा।

घर से मलबा उठाना है तो इस नंबर पर करें फोन-

अधिकारियों ने बताया कि आम लोग अपने घर के सामने या आसपास पड़ी ऐसी सामग्री को एक फोन करके अब निशुल्क उठवा सकते हैं। लोगों को इस प्लांट के कॉल सेंटर के नंबर 0120-2970004 पर फोन करना होगा। इसके बाद कंपनी के कर्मचारी निर्माण सामग्री को लेने आ जाएंगे। कुल मिलाकर शहर के आवासीय क्षेत्रों में लोगों को अब निर्माण गतिविधियों से बचे मलबे का निस्तारण करने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। केवल एक फोन कॉल के जरिए समाधान हो जाएगा। अभी नोएडा विकास प्राधिकरण मलबा चार्ज लेता है, लेकिन इस अपशिष्ट को उठाने के लिए लेटलतीफी की जाती है।

कंपनी या फैक्ट्री के निर्माण से निकले मलबे पर चार्ज लगेगा-

बड़े या बल्क उत्पादक जैसे फैक्टरी, बिल्डर आदि के यहां से मलबा उठवाने के लिए नोएडा प्राधिकरण पैसा लेगा। बड़े उत्पादकों को अपने यहां से मलबा उठवाने के लिए 495 रुपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से पैसा प्राधिकरण को देना पड़ेगा। अगर कोई उत्पादक खुद मलबा प्लांट तक पहुंचाता है तो उससे प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में 148.50 रुपये प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से पैसा लिया जाएगा। प्राधिकरण पैसा लेने के बाद कंपनी के माध्यम से इस मलबे का निस्तारण करवाएगा।

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