गोरखपुर के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे बहुजन समाज पार्टी के विधायक विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर सीबीआइ ने सोमवार को छापेमारी की है।
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लखनऊ, गोरखपुर तथा गौतमबुद्धनगर में एक साथ छापा मारने के बाद सीबीआइ ने विनय शंकर तिवारी तथा उनकी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज किया है। विनय तिवारी गोरखपुर के चिल्लूपार से बहुजन समाज पार्टी के विधायक हैं। उनकी कंपनी गंगोत्री कांस्ट्रक्शन को लेकर सीबीआइ ने छापा मारा है। इस दौरान सीबीआई ने 754 करोड़ के बैंक फ्रॉड मामले में विनय शंकर तिवारी तथा उनकी पत्नी रीता तिवारी के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके साथ उनकी फर्म गंगोत्री इंटरप्राइजेज, रॉयल एंपायर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड और फर्म के अन्य डायरेक्टर अजीत पाण्डेय के ठिकानों पर सीबीआई की टीम ने छापेमारी की।
पूरे प्रदेश मे गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम से कई फर्मे हैं जो अलग अलग तरह से ठेकेदारी का काम करती हैं।गोरखपुर के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे बहुजन समाज पार्टी के विधायक विनय तिवारी के ठिकानों पर सीबीआइ ने छापेमारी की है। विनय शंकर तिवारी गोरखपुर के चिल्लूपार से बहुजन समाज पार्टी के विधायक हैं। उनकी कंपनी गंगोत्री कंस्ट्रक्शन को लेकर सीबीआइ ने छापा मारा है। सीबीआइ ने गोरखपुर के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर छापेमारी की है। राजधानी लखनऊ में उनके पार्क रोड और गोमतीनगर के आवास के साथ गोरखपुर के गोलघर तथा नोएडा में उनके ठिकानों पर एक साथ छापा मारा गया है।विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री एंटरप्राइजेज के कई कार्यालयों में भी छानबीन की जा रही है।
मामला 1500 करोड़ के बैंक लोन घोटाले का है। विनय शंकर तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज सड़क निर्माण के साथ कंस्ट्रक्शन के काम करती है। प्रदेश में विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर सीबीआई की कई टीम एक साथ कार्रवाई कर रही हैं।गंगोत्री एंटरप्राइजेज के कंपनी के ऑफिस पहुंची सीबीआई टीम ने घंटों दस्तावेज खंगाले। मौके पर मिले लोगों से पूछताछ की। कंपनी ने बैंक लोन लिया था। इसके बाद गंगोत्री एंटरप्राइजेज ने लोन की रकम को समय से वापस नहीं किया। इस पर बैंक ने शिकायत की।
बैंक ने आरोप लगाया कि बैंक लोन हड़प कर दूसरी जगह निवेश किया गया। इस पर सीबीआई ने आज कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की।पंडित हरिशंकर तिवारी जेल में रहने के बाद भी चुनाव जीतते रहे। गोरखपुर के चिल्लूपार से वह लगातार 22 वर्ष तक विधायक रहे। वह 1997 से लेकर 2007 तक लगातार उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट में मंत्री भी रहे। इसके बाद 2012 में मिली हार के बाद हरिशंकर तिवारी ने एक भी चुनाव नहीं लड़ा। इसके बाद भी चिल्लूपार में तिवारी का वर्चस्व अभी भी कायम है। इसी कारण 2017 में मोदी लहर नाम की सियासी आंधी में भी हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी ने बसपा के टिकट पर चिल्लूपार सीट से चुनाव जीता। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को हराया था। प्रदेश में योगी सरकार का गठन हुआ था तो कुछ दिनों बाद ही लूट के एक मामले में गोरखपुर पुलिस ने बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी और चिल्लूपार से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के घर पर छापा मारकर छह लोगों को हिरासत में लिया था।